नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 29 फरवरी: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के हिसार केंद्र द्वारा एमसी कॉलोनी में एक आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बोलते हुए ब्रह्माकुमार डॉ० रामप्रकाश गिल्होत्रा ने कहा कि आत्मिक स्वरूप में स्थित होकर परमात्मा जो है, जैसा है उस रूप में उसे याद करने से शांति, सुख और आनंद की प्राप्ति होती है। यही राजयोग है। इस याद से हमारी आत्मा शक्तिशाली बनती है। गीता में कहा गया है कि ‘ज्ञानी तू आत्मा मुझे प्रिय है योगी आत्मा तू मेरा स्वरूप है जितना दिल सच्चा और पवित्र होगा उतना परमात्मा से संबंध जुड़ेगा। इसीलिए कहा गया है कि सच्चे दिल पर ‘साहेब राजी। उन्होंने बताया कि पवित्र जीवन जीने का अवसर सौभाग्यशाली लोगों को प्राप्त होता है। पवित्रता सुख-शांति की जननी है। यही पवित्रता मनुष्य की विपरीत परिस्थितियों में सुरक्षा करती है।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी वंदना बहन ने कहा कि परम पिता परमात्मा कलयुग के अंत में अवतार लेते हैं। ऐसे समय सारी दुनिया अज्ञान के अंधेरे में सोई हुई होती है। परमात्मा आकर ज्ञान की रोशनी देते हैं। इसलिए कहा गया है ‘ज्ञान सूर्य प्रगटा अज्ञान अंधेर विनाश। उन्होंने कलयुग के अंत की चार निशानियों के बारे में बताया। पहला है कन्या अपने मुंह से वर मांगेगी। दूसरा केशों का श्रृंगार होगा। तीसरा अनाज पुडिय़ों (पैकेट) में मिलेगा। चौथा गाय विष्ठा खाएंगी। उन्होंने कहा कि चारों निशानियां इस समय दिखाई दे रही हैं। अत: थोड़ा समय जो बचा है उसमें बुराइयों को छोड़कर परमात्मा से संंबंध जोड़कर जीवन को श्रेष्ठ बनाएं। उन्होंने खुशखबरी सुनाई कि परम पिता परमात्मा अवतरित होकर सच्चा गीता ज्ञान सुना रहे हैं। अत: गुप्त रूप में आए हुए परमात्मा को पहचानकर उनकी आज्ञा पर चलें और बुराइयों को परमात्मा पर अर्पित करके जीवन को सुखमय बनाएं। ऐसा न हो कि परमात्मा चला जाए और अंत में हमें पछताना पड़े। इस अवसर पर केक काटा गया व शिवध्वज फहराया गया। दविना ठकराल ने कार्यक्रम में ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता गीत प्रस्तुत करके सभी का मन मोह लिया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रो० वेद गुलयानी, डॉ० अमर ठकराल, प्रभुदयाल ठकराल, त्रिलोकीनाथ खत्री, मुकेश कुमार, सीता केडिया, हरीश कटारिया, अशोक सलूजा, नीलम, नवीन काठपाल, विकास धवन, ओमप्रकाश, ललिता, वेदप्रकाश चुघ, वीना एवं फूला आदि उपस्थित थे।