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एमएसएमई सैक्टर की गुणवत्ता और उत्पादकता बेहतर हो सकती है: जेपी मल्होत्रा

नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 5 मार्च: डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जेपी मल्होत्रा ने भारत सरकार व सरकारी उपक्रमों सहित सरकार के विभागों द्वारा एमएसएमई सैक्टर से उत्पादन व सर्विस का 20 फीसदी आवश्यक रूप से लिये जाने के लिये प्रभावी पग उठाने की मांग की है। यहां नेशनल स्माल इंडस्ट्रीज कारपोरेशन व डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा आयोजित वैन्डर डेवलपमैंट प्रोग्राम फॉर एमएसएमई में उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए श्री मल्होत्रा ने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि केंद्रीय मंत्रालय और विभाग न्यूनतम रूप से 20 प्रतिशत प्रोडेक्ट और सर्विस को एमएसएमई सैक्टर से लेने का ध्येय निर्धारित करें जिसमें 4 फीसदी एससी-एसटी एमएसएमई के लिये आरक्षित किया जा सकता है।
श्री मल्होत्रा ने कहा कि हालांकि विभिन्न विभागों द्वारा जो उत्पादन लिया जाता है उसे टैंडर द्वारा कम कीमतों के नियमों पर आधारित रखा जाता है, परंतु आवश्यकता इस बात की है कि एमएसएमई सैक्टर के लिये 10 फीसदी कीमतों में बढ़ोतरी संबंधी नीति तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि इससे एमएसएमई सैक्टर की गुणवत्ता और उत्पादकता बेहतर होगी और आईएसआई मानकों सहित अन्य प्रक्रियाओं का लाभ एमएसएमई सैक्टर उठा सकेगा।
नेशनल स्माल इंडस्ट्रीज कारपोरेशन के उपमहाप्रबंधक डीके भाटिया ने आगन्तुकों का स्वागत करते कहा कि कार्यक्रम का आयोजन सरकार की पब्लिक प्रोक्योरमेंट पालिसी 2012 के सिद्धांतों के अनुरूप किया गया है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य वैन्डर्स को प्रोत्साहन देना है और इस संबंध में निश्चित रूप से वैन्डर्स को इस कार्यक्रम से लाभ मिलेगा। उन्होंने जानकारी दी कि वार्षिक प्रोक्योरमेंट प्लान को वैबसाईट पर अपलोड कर दिया गया है और ईज आफ डुईंग बिजनेस के लिये इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कार्यक्रम में मुख्यातिथि बोनी पोलीमर के सीएमडी व कन्फरडेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री हरियाणा स्टेट काउंसिल के पूर्व चेयरमैन राज भाटिया ने अपने संबोधन में एमएसएमई सैक्टर से आग्रह किया कि वे उत्पादकता व सर्टिफिकेशन प्रोसैस को आवश्यक रूप से कार्यअमल में लाएं ताकि इसका लाभ स्पर्धामयी दौर में उच्च गुणवत्ता तथा समयबद्ध आपूर्ति के साथ-साथ बेहतर उत्पादकता के रूप में मिल सके।
श्री भाटिया ने एनएसआईसी व डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रयासों की सराहना करते कहा कि वैंडर डेवलपमैंट मीट के लिये जो कार्यक्रम आयोजित किया गया वह निश्चित रूप से स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था आवश्यक है जिससे भविष्य में भी ऐसे आयोजन निरंतर किये जाएं।
कार्यक्रम में इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड के विपुल शर्मा, नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन के गिरीश कुमार कौशिक, कंसलटेंसी डेवलपमैंट सैंटर के एसके शर्मा ने अपने व्याख्यान में एमएसएमई सैक्टर को स्पर्धा के दौर में आगे रहने से संबंधित कई टिप्स दिये। नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल के पूर्व निदेशक सीवी राव ने सप्लाई चेन मैनेजमेंट पर प्रेजैन्टेशन प्रस्तुत की जिसमें बताया गया कि किस प्रकार संसाधनों के उचित उपयोग से स्पर्धा में अव्वल रहा जा सकता है।
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के एडवाईजर एमपी रूंगटा ने अपने संबोधन में कहा कि वैंडर डेवलपमैंट प्रोग्राम वास्तव में यह संदेश देने में सफल रहा है कि उत्पादकता, गुणवत्ता, लागत और डिलीवरी से ही एमएसएमई सैक्टर बेहतर प्रदर्शन कर सकता है और इसी से सरकार की पब्लिक प्रोक्योरमेंट पालिसी का लाभ उठाया जा सकता है।
कार्यक्रम में 70 से अधिक स्माल इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने भाग लिया जबकि कार्यक्रम में सर्वश्री विजय राघवन, एमपी रूंगटा, केके नांगिया, एसके बतरा, धीरेंद्र कुमार, सुनील गुप्ता, पवन मल्होत्रा, रोहित रूंगटा, मंजीत सिंह, मानस कुमार, अभिनय मित्तल, ऐ.के.एल करन, एसके शर्मा, कुलदीप बिष्ट, जेसी अहलावत, युसूफ हफ़ीज, राज कुमार, पीके सिहं, संजय चतुवेदी, अरूण जिंदल बड़ी संख्या में डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सदस्य एवं अन्य औद्योगिक प्रतिनिधि उपस्थित थे।
धन्यवाद प्रस्ताव एनएसआईसी के उपप्रबंधक श्री धीरेंद्र कुमार ने प्रस्तुत किया जबकि आयोजन में प्रतिष्ठित लोगों को स्मृति चिन्ह भी प्रदान किये गये।

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