मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 14 सिंतबर: कल तक टॉऊन की बिल्डर लॉबी और बन्नूवाल बिरादरी के जो लोग अपने अवैध निर्माणों और को बचाने के लिए सीमा त्रिखा के दरबार मे दिन-रात हाजिरी मारा करती थी, वही लोग बडख़ल विधानसभा से सीमा की टिकट कटने के बाद रात को तो सीमा त्रिखा को ढांढस देने पहुंचे और अगले ही दिन बडख़ल से कांग्रेस प्रत्याशी विजय प्रताप के से मीटिंग करने लगेे, ये है राजनीति के अनोखे रंग।
बता दें कि बडख़ल विधानसभा क्षेत्र के टाऊन में बिल्डर माफियाओं का पूरा गिरोह काम करता है। सन 2014 से लेकर अब तक यह बिल्डर लॉबी विधायक सीमा त्रिखा के साथ जीने-मरने की कसमें खाकर उनके दरबार में हाजिरी मारा करती थी ताकि नगर निगम में उनका वर्चस्व बना रहे और उनकी अवैध रूप से बन रही बिल्डिंगों को कोई नुकसान ना हो।
अब जब 2024 के इस चुनाव में बडख़ल से सीमा त्रिखा की टिकट कट गई तो गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए ये बिल्डर लॉबी सीमा त्रिखा के यहां रात के अंधेरे में शोक प्रकट करने के बाद बडख़ल से एकतरफा जिताऊ उम्मीदवार माने जा रहे विजय प्रताप के साथ दिखाई देने लगे।
बडख़ल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार विजय प्रताप के साथ मीटिंग करने वालों में एनआईटी से बहादुर सिंह सब्बरवाल, मंजीत सिंह चावला, वेद भाटिया, बृजपाल सिंह, प्रदीप खत्री, जुगेंद्र सिंह सभरवाल, दलजीत सभरवाल एवं अन्य साथियों सहित मौजूद थे जिन्होंने बहादुर सिंह सब्बरवाल के कार्यालय पर मीटिंग कर विजय प्रताप को अपना समर्थन देने का ऐलान किया। इस बारे में जब बहादुर सिंह सब्बरवाल से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि उनके ऑफिस के दरवाजे तो सभी के लिए खुले हैं।
इसके अलावा विवादों में चल रहे भाटिया सेवक समाज के प्रधान सरदार मोहन सिंह भाटिया भी जिनके साथ सीमा त्रिखा दिन-रात खड़ी रहती थी, वो भी पहले तो टिकट कटने पर सीमा के घर रात को अंधेरे में अफसोस करने पहुंचे और अगले ही दिन सीमा त्रिखा के घूर-विरोधी विजय प्रताप और धनेश अदलखा के साथ मीटिंग करते नजर आ रहे हैं।
वहीं कांग्रेस उम्मीदवार विजय प्रताप ने इस अवसर पर कहा कि समस्याओं से घिरे हरियाणा और बडख़ल को अब समाधान का हाथ चाहिए, इसलिए सभी लोग कांग्रेस का हाथ मजबूूत करें ताकि हाथ हालात बदल सके।
कुल मिलाकर जिस तरीके से सीमा त्रिखा की टिकट कटने के बाद टॉऊन के कुछ खास लोग एक साथ सीमा को छोड़कर विजय प्रताप के साथ नजर आने लगे हैं, उससे फिर एक बार इनके साथ गिरगिट की तरह रंग बदलने वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।
इस मामले में हम इन लोगों से सोमवार को रूबरू होने का प्रयास भी करेंगे।