हरियाणा राज्य सूचना आयोग ने देरी से तथा अधूरी सूचना देने पर डीआईपीआरओ देवेन्द्र शर्मा पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया।
मैट्रो प्लस
फरीदाबाद, 16 मई (नवीन गुप्ता): हरियाणा सूचना एवं लोक संपर्क विभाग का यह दायित्व है कि वह सरकार की नीतियों, योजनाओं व सफलताओं का आम जनता में गांव-गांव जाकर प्रचार-प्रसार करे ताकि आम जनता को यह पता चल सके कि सरकार के द्वारा उनके लाभ के लिए क्या-क्या योजनाएं चलाई जा रहीं हैं ताकि जनता उन योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सके। लेकिन ऐसा देखने में आया है कि यह विभाग अपने दायित्वों का सही प्रकार से निर्वहन नहीं कर रहा है। इस सारे मामले की विस्तृत जानकारी लेने के लिए गांव व शहरी क्षेत्रों का दौरा किया गया और ये पाया गया कि लोक संपर्क विभाग की तरफ से सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने हेतु भजन मण्डलियां गांव व शहरी झुग्गी झोपडिय़ों में नहीं जा रही है। यह कहना है आरटीआई कार्यकर्ता एवं समाजसेवी ओ.पी. धामा का।
इसी के चलते आरटीआई कार्यकर्ता ओ.पी. धामा ने 28 अगस्त, 2015 को राज्य जन सूचना अधिकारी कम जिला सूचना एवं लोकसंपर्क अधिकारी फरीदाबाद (डीआईपीआरओ)से 14 बिन्दुओं पर जन सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के अंतर्गत सूचना मांगी थी। सूचना प्राप्त करने हेतु पत्र व्यक्तिगत स्तर पर विभाग के लेखाकार को दिया गया था और 50 रूपये की फीस भी जमा की गई थी। जिला सूचना एवं लोक संपर्क अधिकारी फरीदाबाद के द्वारा मांगी गई सूचना 30 दिन के अंदर उपलब्ध करानी थी, लेकिन मांगी गई सूचना जब 45 दिन तक भी नहीं दी गई तो उन्होंने 9 अक्टूबर, 2015 को प्रथम अपीलीय अधिकारी कम अतिरिक्त निदेशक सूचना, लोक संपर्क एवं सांस्कृतिक विभाग हरियाणा चण्डीगढ़ को अपील की। जिसकी सुनवाई 27 नवम्बर, 2015 को चण्डीगढ़ में की हुई। अपील की सुनवाई के दौरान फरीदाबाद के राज्य जनसूचना अधिकारी कम डीआईपीआरओ देवेन्द्र शर्मा, तिलकराम बिधुड़ी सहायक सूचना एवं लोक संपर्क अधिकारी एवं श्री रमेश चंद्र जाजोरिया लेखाकार उपस्थित थे। अपील की सुनवाई के दौरान तीनों अधिकारियों ने झूठ बोलते हुए प्रथम अपीलीय अधिकारी को गुमराह किया और उन्हें बताया कि मांगी गई सूचना 26 नवम्बर, 2015 को डाक द्वारा भेज दी गई है। जबकि आधी-अधूरी सूचना प्रथम अपील की सुनवाई के बाद 7 दिसम्बर, 2015 को डाक के द्वारा भेजी गई जो उन्हें 14 दिसम्बर, 2015 को प्राप्त हुई। क्योंकि मांगी गई सूचना समय पर नहीं दी गई थी और जो सूचना दी गई थी वह भी अधूरी थी इसलिए ओ.पी. धामा ने दिनांक 21 दिसम्बर, 2015 को राज्य जनसूचना आयोग में द्वितीय अपील फाईल की जिसकी सूनवाई 3 मार्च, 2016 को की गई जिसमें देवेन्द्र शर्मा जिला सूचना एवं लोक संपर्क अधिकारी फरीदाबाद को सूचना देरी से देने और आधी अधूरी सूचना देने का दोषी पाया गया। इसके लिए राज्य जनसूचना आयोग ने देवेन्द्र शर्मा को 25000/-रुपये का जुर्माना लगाने हेतु कारण बताओ नोटिस जारी किया। जिसकी सुनवाई 18 अप्रैल, 2016 को की गई थी लेकिन सुनवाई के समय देवेन्द्र शर्मा उपस्थित नहीं हुए और अब सुनवाई की अगली तारीख 06 जून, 2016 रखी गई है।
ओपी धामा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी पिछले दिनों अपनी पार्टी के सांसदों से ये पूछा था कि गांव जाते हो क्या? वास्तव में प्रधानमंत्री जी केन्द्र सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को जनता के बीच सही तरीके से नहीं पहुंच पाने से चिंतित हैं। और इसलिए अब उन्होंने अपनी पार्टी के सभी सांसदों को निर्देश दिए है कि वे महीने में सात रात व 14 दिन अपने-अपने क्षेत्र में जाकर सरकार की योजनाओं और उपब्धियों का प्रचार-प्रसार करेंगे। जबकि सरकार की नीतियों का सही और समय पर प्रचार-प्रसार करने का दायित्व लोक संपर्क विभाग का है जिस पर सरकार करोड़ो रुपये खर्च करती है। सरकार के द्वारा भेजी गई प्रचार-प्रसार की सामग्री का भी कार्यालय में ढेर लगा रहता है और आगे आम जनता में उसका वितरण नहीं किया जाता है जिसको पिछले दिनों मुख्य संसदीय सचिव श्रीमती सीमा त्रिखा एवं केंद्रीय राज्य सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्णपाल ने भी कड़ा संज्ञान लिया था।
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