मैट्रो प्लस
फरीदाबाद, 20 मई (नवीन गुप्ता): चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणीय मैट्रो अस्पताल ने एक 90 वर्षीय ईराकी व्यक्ति के हृदय का वाल्व बदलकर उसे नया जीवन दिया है। उक्त मरीज लगभग दो वर्षा से सांस फूलने, घबराहट, छाती में दर्द व चक्कर आने की शिकायत से पीडित था। अस्पताल के महानिदेशक एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ० एसएस बंसल ने जब मरीज की पूरी तरह से जांच की तो उन्हें पता चला कि इस मरीज के हृदय के एक वाल्व, एओटिक वाल्व गंभीर रुप से सिकुड़ गया है। एओटिक वाल्व के जरिए हृदय से शुद्ध रक्त मुख्य धमनी के द्वारा शरीर के विभिन्न हिस्सों में पम्प किया जाता है। अत्यधिक सिकुड़े हुए इस वाल्व की वजह से पर्याप्त रुप से रक्त हृदय से बाहर नहीं निकल पाता था तथा हृदय धीरे-धीरे फूलने लगता था। श्री बंसल ने बताया कि 90 वर्ष की उम्र के साथ ही मरीज के फेफड़े तथा गुर्दे भी ठीक तरह से काम नहीं करते है। उनके फेफड़े इतने ज्यादा खराब थे कि थोडा भी चलने पर सांस फूलने लग जाता था उनके हृदय की पम्पिंग करने की क्षमता सिर्फ 25 प्रतिशत ही बची थी। अस्पताल की हृदय शल्य रोग चिकित्सा विभाग के मुख्य सर्जन डॉ० मितेश शर्मा ने मरीज को देखकर यह निर्णय लिया कि मरीज के बाल्व को बदलना चाहिए, जोकि अत्याधिक जोखिम का काम था, मगर ऐसा नहीं करने पर मरीज को ठीक कर पाना असंभव था। टीम द्वारा ये आप्रेशन सफलतापूर्वक किया गया तथा टीस्यू वैल्यू (बायोप्रोसथेटिक वैल्यू) का इस्तेमाल किया गया। मरीज आप्रेशन के बाद बिल्कुल ठीक रहे तथा पूर्ण रुप से स्वस्थ होने पर उनकी अस्पताल से छुट्टी दी गई। सर्जरी के पश्चात उनके हृदय की पंम्पिंग शक्ति 25 से बढ़कर 45 प्रतिशत तक सुधार हुआ तथा आगे चलकर इसमें और सुधार की संभावना है। डॉ० बंसल ने बताया कि इस प्रकार की जटिल सर्जरी हम सफलतापूर्वक इसलिए कर पाते है क्योंकि हमारे पास अनुभवी और बेहतर डॉक्टरों की टीम है। उन्होंने संपूर्ण हृदय शल्य चिकित्सा विभाग को तथा विशेष तौर पर डॉ० मितेश शर्मा को बधाई दी। 90 वर्षीय इराकी मरीज अब बिल्कुल ठीक है तथा छुट्टी होकर वापिस अपने वतन लौट चुका है। श्री बंसल ने बताया कि मैट्रो अस्पताल का उद्देश्य लोगों को एक ही छत के नीचे बेहतर से बेहतर आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाना है और इसी लक्ष्य के चलते वह और उनके डॉक्टरों की टीम लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए कृतसंकल्पित है।
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