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फरीदाबाद, 20 जुलाई(नवीन गुप्ता): शिरडी साई बाबा मंदिर, साईधाम फरीदाबाद में गुरु पूर्णिमा का उत्सव बहुत धूमधाम से मनाया गया। प्रात: 250 से अधिक भक्तों ने बाबा की पूजा व अभिषेक किया तत्प्रश्चात खीर का प्रसार वितरण किया गया।
सद्गुरु श्री साई ने भक्तों को मोह-माया को दूर करने वाले तत्वज्ञान को ह्रदय में उतारने का संदेश दिया। वे काम, क्रोध, मद, मत्सर आदि को दुखों का कारण बताया जिनके कारण भव-भव का बंधन लंबा होता है। मानव-जन्म ईश्वर का वरदान है। मानव-जीवन पाकर व्यक्ति को प्रयास करना चाहि कि पूर्व-जन्म के संचित कर्म क्षीण हों। साई बाबा के जीवन व लीलाओं के आधार सांय: 5 बजे से 9 बजे श्री साई शरणागत द्वारा साई कथा व मोनिका कुमार द्वारा मनमोहक साई भजनों का आयोजन किया गया। साई बाबा की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि बाबा अपने भक्तों की पीड़ा को भी अपने ऊपर लेकर अपने भक्तों के दुख-दर्द दूर करते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा की मानवता की सेवा की दिखाई राह पर चलकर वह भी मानवता की सेवा में लगे हुऐ हैं। गरीब व असहाय लोगों की सेवा ही सही मायने में भगवान की सच्ची भक्ती है। जिसका हजारों भक्तों ने आन्नद लिया।
दास गणु महाराज ने मराठी में साई बाबा के दिये हुए ज्ञान व रची हुई लीलाओं को मराठी में रचित किया था जिसको श्री राकेश जुनेजा ने हिन्दी में सुंदर अनुवाद कराकर श्री साई ज्ञानेश्वरी के नाम से प्रकाशित किया है। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शिरडी व सैकडों साई मंदिरों तथा साईधाम में इसका विमोचन किया गया। यह आयोजन जेके शर्मा द्वारा स्पोशर किया गया।
साई भक्तों को संबोधित करते हुए मोतीलाल गुप्ता ने गुरु पूर्णिमा की सब को बधाई दी और साई नाथ से प्रार्थना की सब भक्तों पर अपनी कृपा बनाये रखें उन्होंने कहा उनका उद्देश्य हर उस घर में शिक्षा रूपी दीपक जलाने का है जिस घर में धन अभाव के चलते बच्चे शिक्षा ग्रहण करने से वंचित रह जाते है। शिरडी साई बाबा स्कूल, फरीदाबाद में 1700 गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा के साथ-साथ भोजन, यूनिफार्म, पढ़ाई सामग्री भी दी जाती है। और गरीब कन्याओं की नि:शुल्क वर्ष में चार बार शादी की जाती है।