मैट्रो प्लस
पलवल, 23 सितंबर (देशपाल सौरोत): पलवल के गांव किठवाड़ी के एक दर्जन किसानों ने थाना चंादहट पुलिस में शिकायत देकर उनके किसान के्रडिट कार्ड़ खातों से बगैर उनकी मर्जी से फसल बीमा के नाम पर कुल लगभग पचास हजार रूपये निकालने का आरोप लगाया है। वहीं चांदहट स्थित कोआपरेटिव बैंक से संबंधित 52 किसानों के भी इसी तरह से जबरदस्ती रूपये काटे जाने का मामला प्रकाश में आया है। उक्त किसानों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करा संबंधित बैंक मैनेजर, इंश्यारेंश कंपनी, हरियाणा के सरकारी अधिकारियों व हरियाणा प्रदेश के कृषि मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनके बैंक खातों से जबरदस्ती काटे गए रूपयों को वापिस खातों में डलवाने की गुहार लगाई है। उक्त किसानों ने पलवल के विश्राम गृह में हरियाणा के पूर्व कृषि मंत्री एवं पलवल के मौजूदा कांग्रेसी विधायक करण दलाल के संयोजन में पत्रकार सम्मेलन का आयोजन कर पत्रकारों के समक्ष कहा कि फसल बीमा योजना उनके जी का जंजा बन गई है तथा हरियाणा के कृषि मंत्री जबरदस्ती उनके बैंक खातों से पैसे काटकर आईसीआईसीआई बीमा कंपनी को दे रहे हैं जो उनके साथ अन्याय है जिसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर पूर्व पार्षद बलराम गुप्ता व महेन्द्र इरफान भी मुख्य रूप से मौजूद थे।
पत्रकार सम्मेलन में विधायक दलाल ने भाजपा सरकार पर जमकर वार करते हुए कहा कि भाजपा सरकार किसानों पर कहर ढ़ा रही है। कैसी विडम्बना है कि अब किसानों की बगैर मर्जी के ही उनके बैंकों से रूपये काटे जा रहे हैं। उन्होंने किठवाड़ी गांव में कई एकड़ जमीन पर बने एक कंपनी के कार्यालय का हवाला देते हुए कहा कि उस जमीन पर तो बहुत बड़ा कार्यालय बना हुआ है तथा वहां तो खेती होती ही नहीं जबकि सी जमीन पर खान की खेती दिखाकर बैंक खाते से रूपये काट लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह तो मात्र एक दर्जन वह किसान हैं जिन्होंने बैंक में अपने खाते चैक किए हैं अभी 98 प्रतिशत किसानों ने तो अपने बैंक खाते चैक ही नहीं किए हैं। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इलाके में एक सघन अभियान चलाकर किसानों को सरकार द्वारा की जा रही लूट के प्रति जागरूक करेंगे। उन्होंने कैसा कि कैसी तानाशाही है कि उक्त किसानों द्वारा पुलिस थाना में गत 12 सितंबर को अपनी शिकायत दर्ज कराई है लेकिन आज दस दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता की बगैर मर्जी से उनके खातों से जबरदस्ती रूपये काटना एक अपराधिक मुकदमा है तथा इस अन्याय को वह सहन नहीं करेंगे। उन्होंने किसानों द्वारा पुलिस थाना में दी गई शिकायत की कॉपी पत्रकारों को दिखाते हुए खुली चेतावनी दी कि अगर जल्द ही संबंधित बैंक मैनेजर, संलिप्त अधिकारी व हरियाणा सरकार के कृषि मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया तो वह हरियाणा एवं पंजाब हाई कोर्ट में मुकदमा दायर करेंगे। उन्होंने कहा कि जो बीमा सरकार द्वारा इंश्योरेंश कंपनी से मिलकर जबरदस्ती किया जा रहा है असल में उस बीमा से किसी भी किसान को फायदा होने वाला नहीं क्योंकि बीमा में कंपनी ने जो शर्त दर्शाई गई हैं उनमें युद्ध की स्थिति, बाढ़ आने या फिर गांव में 70 प्रतिशत से अधिक ओले पडऩा दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि अब तो स्थिति यह हो गई है कि भगवान न करे अगर ओले आते हैं तो किसानों को हवन करके भगवान से दुआ मांगनी पड़ेगी कि 70 प्रतिशत से अधिक ओले पडऩे चाहिए। विधायक श्री दलाल ने कहा कि हाल ही में सम्पन्न विधानसभा में उन्होंने फसल बीमा में कमिशन को लेकर मुददा जोरशोर से उठाया था लिसके बाद दूसरे दिन मुख्यमंत्री ने यह कहा कि अब के बाद जिनका बीमा नहीं होगा उनको सरकार द्वारा साडे सात हजार से बारह हजार के लगभग सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाएगा तो फिर किसानों के साथ ऐसा अन्याय क्यों किया जा रहा है।
पुलिस थाना चांदहट में शिकायत दर्ज करने वालों में किठवाडी निवासी रूपचंद के एचडीएफसी बैंक में 7125 रूपये, हितेश के एचडीएफसी बैंक में 6175 रूपये, भगत सिंह के एचडीएफसी बैंक में 6000 रूपये, राजेन्द्र सिंह के पीएचबी में 6215 रूपये, समय सिंह के कैनरा बैंक में 990 रूपये, फतेहसिंह के कैनरा बैंक में 990 रूपये, धर्मपाल के पीएनबी बैंक में 3613 रूपये, अमरसिंह के एचडीएफसी बैंक में 6665 रूपये, सुन्दर के कैनरा बैंक में 2013 रूपये तथा महेन्द्र के कैंनरा बैंक में 4013 रूपये जबरदस्ती काट लिए हैं। उन्होंने बताया कि इसी तरह से चांदहट स्थित कोपरेटिव बैंक ने 52 किसानों के पैसे जबरदस्ती काट लिए हैं। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने न तो इंश्यारेंश का कोई फार्म भरा है और न हीं बैंक में पैसे काटने का आवदेन दिया है फिर उनके पैसे क्यों काटे गए।