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बल्लभगढ़, 14 अक्टूबर (नवीन गुप्ता): श्री गोपाल मन्दिर ट्रस्ट के वार्षिक उत्सव के दूसरे दिन व्यास गद्दी पर आसीन वृन्दावन से परम श्रेद्वय सन्तोषानन्द महाराज ने राम के सुन्दर चरित्र का चित्रण सुंदर शब्दों में व्यक्त किया। महादेव राम जी के बारे में सब जानते है। लेकिन पार्वती जी अनभिज्ञ है, वो उनकी परीक्षा लेती है भगवान राम के सरल व सहज स्वभाव के समक्ष अपनी भूल का अहसास होता है। राम जी को वही पा सकता है जिसका निर्मल मन जन सो मोहि पावा उन्हें वह पसन्द नहीं, मोहि कपट, छल छिद्र न भावा, अर्थात वह सच्चे भाव के भूखे हैं। अंहकारी, धमण्ड वालों से उनका कोई लगाव नहीं। सच्चे व निर्मल मन से ही उनकी भक्ति संभव है। दीनन के दु:ख हरने वाले हैं, उनकी महिमा अपरम्पार है। श्रेष्ठ व्यक्ति में जो गुण होने चाहिए वे उनसे ओत-प्रोत हैं। रामचरित्र ही समाज की एक श्रेश्ठ जीवन शैली है।
कथा के पश्चात ट्रस्ट के पदाधिकारी राजकुमार शर्मा, जनकराज शर्मा, महेन्द्र अरोड़ा, चन्द्र प्रकाश कालड़ा, कृष्ण भटेजा, कृष्णचन्द शर्मा, रमेश खट्टर, पुनित खट्टर, होशियार सिंह, गिर्राज किशोर, रोहताश चौधरी, राम प्रकाश चावला, भरत मखीजा द्वारा महाराज का माल्यार्पण कर आरती व प्रसाद वितरित किया गया।
इस अवसर पर अध्यक्ष राजकुमार शर्मा, प्रधान जनकराज शर्मा के अलावा कृष्णचंद शर्मा, सुरेश तनेजा, नरेश वधवा, महेन्द्र अरोड़ा, रमेश खट्टर, मदन लाल अरोड़ा व प्रचार मंत्री किशन बटेजा व सुभाष शर्मा उपस्थित थे।