ई-दिशा केंद्र पर सरकारी सीटों पर कर्मचारियों की बजाए बैठे नजर आते है दलाल
मैट्रो प्लस
बल्लभगढ़, 15 अक्टूबर (महेश गुप्ता): आम जनता की सुविधाओं के लिए बना एसडीएम कार्यालय अब पूरी तरह से दलालों के चंगुल में आ चुका है। आलम यह है कि कार्यालय में जनता से जुड़े तकरीबन सभी सरकारी कार्य सरकारी कर्मचारियों की बजाए दलालों द्वारा ही किए जाते हैं। चाहे वो पब्लिक डीलिंग हो या कार्यालय के अंदर के काम, बिना दलालों के यहां कुछ भी काम संभव नजर नहीं आता है।
जनता की इन्हीं शिकायतों के मद्देनजर इस संवाददाता ने जब एसडीएम कार्यालय के अंर्तगत ई-दिशा केंद्र का दौरा किया तो वहां का नजारा देखने लायक था। ई-दिशा केंद्र में सरकारी कर्मचारियों की बजाए खिड़की न०-1 पर टैक्स बाबू भूपेश की बजाए धर्मपाल, खिड़की न०-4 पर प्रवीन व खिड़की न०-8 पर योगेश नामक दलाल पब्लिक डीलिंग कर रहे थे। ऐसा ये पहली बार नहीं कर रहे थे। वहां लगे हुए सीसीटीवी की आंख के नीचे ये लोग अक्सर कर्मचारियों की शह पर पब्लिक डीलिंग करते रहते है। ऐसी ही एक विडियो इस संवाददाता ने वहां अपने कैमरे में कैद की।
जानकारी के मुताबिक खिड़की न०-1 पर जो धर्मपाल नामक दलाल डीलिंग कर रहा था वो तो इस खिड़की पर टैक्स के रूप में आए लाखों रूपये भी स्वयं अकेले ही बैंक में जमा करता है। ऐसे में यहां यह सवाल उठता है कि अगर कभी यह व्यक्ति सरकारी लाखों रूपयों को लेकर चंपत हो गया तो इनका कौन जिम्मेवार होगा? यह शायद यहां तैनात टैक्स बाबू भूपेश को भी नहीं पता होगा। यहीं नहीं खिड़की न०-8 पर भी इसी बाबू भूपेश का भांजा डीलिंग कर रहा था। बताते हैं कि एसडीएम के नाम पर जमा की गई दो नंबर की रकम का भी हिसाब यही देखता है।
ध्यान रहे कि पिछले दिनों एसडीएम पार्थ गुप्ता ने अपने कार्यालय से छ: दलालों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। उसके बाद उन दलालों का क्या हुआ, वो भी एसडीएम महोदय को भी नहीं पता। वहीं दूसरी तरफ एसडीएम द्वारा पकड़वाए गए दलालों के बारे में पुलिस भी कुछ बताने को तैयार नहीं है।
इन सब बातों से एसडीएम महोदय क्यों अनभिज्ञ हैं या जान-बुझकर अनभिज्ञ बने बैठे हैं, ये तो वो ही जाने । लेकिन जिस तरीके से एसडीएम कार्यालय के ई-दिशा केंद्र में दलालों का खुला राज चल रहा है, उसमें कहीं ना कहीं भ्रष्ट्राचार की बू जरूर आ रही है।
गौरतलब रहे कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के नए-नए अधिकारियों के लिए ट्रेनिंग का सैंटर बन चुके बल्लभगढ़ सब-डिवीजन में आने वालों लोगों को इन नए अधिकारियों की अज्ञानता के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालात ये हैं कि ये नए-नए आईएएस अपनी अज्ञानता के चलते चपड़ासी से क्लर्क बने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से पूछकर ही अपना काम चलाते है और ज्यादातर इन पर ही निर्भर रहते हैं। शायद यहीं एक कारण भी है कि इनके कार्यालय में उनकी बजाए इनके अधीनस्थ कर्मचारियों और उनके दलालों का राज चलता है। आलम यह है कि एसडीएम कार्यालय में अब क्र्लर्कों की सीटों पर क्लर्क की बजाए उनके दलाल बैठे काम करते नजर आते हैं।
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