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निगम चुनावों में भाजपा उम्मीदवारों को मुकाबला करना होगा अपनी ही पार्टी के बागियों से

नगर निगम फरीदाबाद का चुनावी रणक्षेत्र
वार्ड नंबर-37 में महेश गोयल के सामने होंगे पार्टी के बागी दीपक चौधरी
नगर निगम चुनावों में भाजपा उम्मीदवारों को होगा अपनी ही पार्टी के बागियों से खतरा
भाजपा उम्मीदवारों के सामने खड़ी होगी बागियों की फौज
देवेन्द्र चौधरी की स्वच्छ छवि के सामने सभी होते है नतमस्तक
मैट्रो प्लस
फरीदाबाद, 21 दिसम्बर (नवीन गुप्ता): नगर निगम चुनावों में भाजपा ने 40 में से अपने 31 उम्मीदवारों की पहली सूची क्या जारी की, शहर में बागियों की फौज खड़़ी हो गई। ये बागी वो है जोकि सूची जारी होने तक भाजपा की टिकट लेने के लिए साम-दाम-दंड-भेद की नीति अपनाते हुए जोर-शोर से लगे हुए थे और अब टिकट ना मिलने पर भाजपा उम्मीदवार के सामने ही निगम चुनाव लडऩे के लिए कमर कस का खड़े हुए हैं। ऐसे में भाजपा टिकट ना मिलने पर चुनाव लडऩे वाले इन बागी उम्मीदवारों से ही अब भाजपा उम्मीदवारों को ज्यादा खतरा है जोकि चुनावों में इनको ज्यादा नुकसान पहुंचाएगें ताकि अगले चुनावों में टिकट के लिए उनका रास्ता साफ हो जाए। भाजपा उम्मीदवारों तथा पार्टी के बड़े नेताओं को अब ऐसे बागियों से ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ेगी।
अगर हम बात करे सबसे पहले नगर निगम के सबसे बहुचर्चित वार्ड नंबर-27 की तो यहां से भाजपा के उम्मीदवार एवं केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के सुपुत्र देवेन्द्र चौधरी को तो उनको यहां किसी से कोई खतरा है ही नहीं। कारण है उनके सामने किसी भी भाजपा नेता द्वारा इस वार्ड से पार्टी टिकट की दावेदारी दिखाना। जिस कारण यह सीट तो सीधे-सीधे भाजपा के खाते में लगभग चली ही गई है, क्योंकि देवेन्द्र चौधरी की अपनी छवि भी इस वार्ड तो क्या पूरे शहर में साफ-सुथरी है।
रही बात उनके चेले-चपाटों की तो वार्ड नंबर-37 से भाजपा टिकट के दावेदारों में शुमार उनके एक समर्थक दीपक चौधरी ने पिछले काफी समय से चुनाव लडऩे के लिए ताल ठोक रखी थी। लेकिन अब जब दीपक की टिकट कट गई तो उनकी सारी करी कराई मेहनत पर पानी फिर गया। अब यदि वो भाजपा उम्मीदवार महेश गोयल के समक्ष निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो यह पार्टी के साथ बगावत मानी जाएगी। काबिलेगौर रहे कि दीपक चौधरी इससे पहले विधानसभा चुनावों के दौरान बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदार थे और टिकट ना मिलने पर पार्टी को छोड़कर इनेलो में टिकट लेने के लिए शामिल हो गए थे। वो बात अलग है कि इनेलो से भी उसको टिकट नहीं मिल पाई थी। उसके बाद प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद दीपक सत्ता सुख भोगने के लिए दोबारा से भाजपा में शामिल हो गया तथा मंत्री पुत्र देवेन्द्र चौधरी के गुट में रहकर अपनी राजनीति करने लगा। और अब जब निगम में चुनाव लडऩे का समय आया तो यहां भी उसको टिकट नहीं मिल पाई। भाजपा ने यहां से स्थानीय विधायक मूलचंद शर्मा के खास समर्थक महेश गोयल को अपना उम्मीदवार बनाया है। महेश गोयल क्षेत्र में एक दबंग व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं। वहीं चुनाव लडऩे को लेकर जब दीपक चौधरी से बात की गई तो उनका साफ कहना था कि वो चुनाव तो जरूर लड़ेंगे।
ऐसा भी नहीं है कि टिकट की लाईन में लगे सभी दावेदार पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़े। पार्टी में अभी भी ऐसे नेता है जोकि पार्टी के फैसले को ही सर्वोच्च मानकर चल रहे हैं। ऐसे नेताओं में एक नाम है प्रेमकृष्ण आर्य पप्पी का, जोकि वार्ड नंबर-21 से पार्टी टिकट के दावेदार थे। वो बात अलग है कि उनको यहां से टिकट नहीं मिली। पार्टी ने यहां से राजकुमार सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। चुनाव लडऩे को लेकर जब पप्पी आर्य से बात की गई तो उनका साफ कहना था कि वो पार्टी के फैसले के साथ है और चुनाव में पार्टी उम्मीदवार की पूरी मद करेंगे। -क्रमश:


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