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बल्लभगढ़, 07 जनवरी (नवीन गुप्ता): नगर निगम फरीदाबाद के सभी 40 वार्डो में से सर्वाधिक मतदाताओं वाले वार्ड नं-37 में चुनावी मुकाबला दिलचस्प बना हुआ है। इस महत्वपूर्ण वार्ड से 9 उम्मीदवार निगम पार्षद बनने के लिए अपने-अपने स्तर पर जी-तोड़ मेहनत करनेे में लगे हैं जबकि जितना एक को ही है। यहां 9 उम्मीदवारों में से मुख्य मुकाबला स्थानीय विधायक मूलचंद शर्मा समर्थक भाजपा प्रत्याशी महेश गोयल, पूर्व पार्षद राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल तथा भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे दीपक चौधरी के बीच बना हुआ है।
पारिवारिक विवाद के चलते निवर्तमान पार्षद के.जी.गोस्वामी के परिवार से उनकी जगह चुनाव में खड़े विनोद गोस्वामी उर्फ बिन्नी को लोग इस बार इसलिए नहीं चाहते कि वो इन चुनावों में गोस्वामी परिवार से छुटकारा चाहते है तथा किसी नए चेहरे को नगर निगम में अपना पार्षद बनाकर भेजना चाहते हैं।
रही बात दीपक चौधरी की तो लोगों का उनके बारे में यह कहना है कि जो कुर्सी पर बैठने की लालच में अपनी पार्टी का ना हुआ वो हमारा क्या होगा। भाजपा से बागी होने के कारण पार्टी ने उसे निष्कासित भी कर दिया है। इसलिए मतदाताओं का रूझान फिलहाल भाजपा की तरफ ही नजर आ रहा है।
चूंकि अभी केंद्र व प्रदेश में भाजपा की सरकार चल रही है और कोई नहीं चाहता कि नगर निगम में कोई निर्दलीय उम्मीदवार चुन कर भेजा जाए इसलिए लोगों का रूझान अब भाजपा प्रत्याशी महेश गोयल की तरफ ही ज्यादा नजर आ रहा है। महेश गोयल को चुनाव जिताने के लिए जहां स्थानीय विधायक मूलचंद शर्मा तथा उनके भाई टिपर चंद ने जहां अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है वहीं अब तक प्रदेश के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, नगर निकाय मंत्री कविता जैन, प्रदेश के सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर, गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष भानीराम मंगला, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार दीपक मंगला आदि भी अलग-अलग सभा संबोधित करके वोट महेश गोयल के लिए वोट मांग चुके हैं। इससे लगता है कि भाजपा के लिए नगर निगम चुनाव में वार्ड नंबर-37 के प्रत्याशी महेश गोयल की जीत सबसे महत्वपूर्ण बनी हुई है।
यहां यह बात भी ध्यान रहे कि गत् विधानसभा चुनावों में महेश गोयल ने विधायक मूलचंद शर्मा का तन-मन-धन से पूरी तरह से सहयोग किया था। इसी के चलते विधायक मुलचंद शर्मा ने उन्हें वार्ड नंबर-37 से भाजपा का टिकट दिलवाकर उम्मीदवार बना दिया। इन सब बातों से लगता है कि निश्चित रूप से महेश गोयल को उपरोक्त राजनेताओं के आने का इन चुनावों में पूरा लाभ मिलेगा।
अब देखना यह है कि 8 जनवरी की शाम को किस उम्मीदवार का भाग्य मतपेटियों में से बाहर निकलकर चमकता है।