वाईएमसीए विश्वविद्यालय के छात्र पांच दिनों में मोटर साइकिल पर करेंगे 1600 किलोमीटर की यात्रा
मैट्रो प्लस
फरीदाबाद, 18 जनवरी (महेश गुप्ता): डिजिटल अर्थव्यवस्था तथा कैशलेस लेन-देन के प्रति जागरूकता के लिए वाईएमसीए विश्वविद्यालय से कोलकाता तक अभियान चला रहे बाइक राइडर जॉयदीप को कुलपति प्रो० दिनेश कुमार तथा कुल सचिव डॉ० एसके शर्मा ने विश्वविद्यालय परिसर से झंडी दिखाकर रवाना किया। जॉयदीप चक्रवर्ती कोलकाता तक 1600 किलोमीटर की यात्रा पूरी तरह से मोटर साइकिल पर कर रहे है तथा लक्ष्य तक पहुंचने के लिए उन्होंने पांच दिनों की अवधि निर्धारित की है।
जॉयदीप को उनके अभियान के लिए सुबह 9 बजे विश्वविद्यालय परिसर से रवाना किया गया। जॉयदीप इससे पहले भी सामाजिक मुद्दों को लेकर जागरूकता के लिए हरियाणा एवं पंजाब में मोटर साइकिल रैली कर चुके है, लेकिन यह पहली बार है जब उन्होंने मोटर साइकिल पर पांच दिनों में 1600 किलोमीटर के सफर करने का निर्णय लिया है। इस दौरान वे प्रतिदिन लगभग 300 किलोमीटर का रास्ता तय करेंगे।
कुलपति प्रो० दिनेश कुमार तथा कुलसचिव डॉ० संजय कुमार ने जॉयदीप के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में जब शीत लहर चल रही है, ऐसे में केवल पांच दिनों में मोटर साइकिल पर इतना बड़ा रास्ता तय करना एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि जिस विषय को लेकर जॉयदीप जागरूकता अभियान चला रहे है, यह सराहनीय है।
डिजिटल प्रौद्योगिकी को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच तथा डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे उपायों की सराहना करते हुए कुलपति प्रो० दिनेश कुमार ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है जो देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल लेन-देन न सिर्फ खरीदारी का सुरक्षित उपाय है बल्कि इससे नकदी लेकर चलने से भी छुटकारा मिल जाता है।
पेशे से आईटी विशेषज्ञ जॉयदीप चक्रवर्ती कोलकाता तक अपनी यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश के आगरा, कानपुर, वाराणसी, बिहार के औरंगाबाद से होते हुए पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर तथा कोलकाता तक पहुंचेंगे। इस दौरान जॉयदीप अलग-अलग जगह पर लोगों से मिलेंगे तथा डिजिटल अर्थव्यवस्था और कैशलेस लेन-देन से होने वाले फायदों, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता और सड़क नियमों को लेकर लोगों को जागरूक करेंगे। जॉयदीप ‘ईच वन, टीच वनÓ के आदर्श वाक्य के साथ अपने अभियान की शुरूआत करेंगे, जिसका अर्थ प्रत्येक व्यक्ति किसी एक व्यक्ति को सिखाए। उनका मानना है कि यदि प्रत्येक व्यक्ति देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझे हुए दूसरों को देश हित में कुछ करने के लिए प्रेरित करेगा तो देश में बदलाव अवश्य आयेगा।
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