सुप्रीम कोर्ट ने दिए आसाराम पर नई एफआइआर दर्ज के आदेश
अदालत ने एक लाख का जुर्माना भी लगाया
मैट्रो प्लस से महेश गुप्ता की रिपोर्ट
जोधपुर, 30 जनवरी (महेश गुप्ता): सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड्स पर बेल दिए जाने की आसाराम की याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि हेल्थ से जुड़े फर्जी डॉक्युमेंट्स पेश करने पर उस पर नई एफआइआर दर्ज की जानी चाहिए। कोर्ट ने आसाराम पर एक लाख रूपय का जुर्माना भी लगाया है। आसाराम ने याचिका में कहा था की ईलाज आयुर्वेद से ही संभव है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि ट्रायल को बेवजह ज्यादा खींचा गया। गवाहों पर हमले करवाए गए, जिनमें से 2 की मौत हो चुकी है। आसाराम ने अपने शरीर में 12 तरह की बीमारियों का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। याचिका में बताया गया था कि उसका इलाज केरल में आयुर्वेद पद्धति से ही संभव है। ऐसे में उन्हें वहां जाकर इलाज कराने की परमिशन दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि आसाराम की सेहत इतनी खराब नहीं है कि उन्हें जमानत दी जाए। कोर्ट ने आसाराम की ओर से हेल्थ से जुड़े फर्जी सर्टिफिकेट पेश करने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई और नई एफआइआर करने के ऑर्डर दिए। कोर्ट ने आसाराम पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
पिछले साल जुलाई में आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट से अपना इलाज कराने के लिए अंतरिम बेल देने की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने उसे दिल्ली एम्स में चैकअप कराने का आदेश दिया था, एम्स के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में आसाराम को किसी प्रकार की गंभीर बीमारी नहीं बताई गई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। लंबे वक्त से व्हीलचेयर पर आने वाले आसाराम इन दिनों पैदल ही कोर्ट पहुंच रहे हैं। कई बार तो वे बगैर लिफ्ट के सीढिय़ां चढ़कर मौजूद हुए।
ध्यान रहे कि आसाराम के गुरुकुल में पढऩे वाली एक नाबालिग ने उन पर आरोप लगाया था कि 15 अगस्त, 2013 को आसाराम ने जोधपुर के निकट मणाई गांव स्थित एक फार्म हाउस में उसका सेक्शुअल हैरेसमेंट किया। 20 अगस्त 2013 को लड़की ने दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने में आसाराम के खिलाफ केस दर्ज कराया था। जोधपुर का मामला होने के कारण दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच करने के लिए जोधपुर भेजा। जोधपुर पुलिस ने आसाराम के खिलाफ नाबालिग से हैरेसमेंट का केस दर्ज किया। 31 अगस्त 2013 को पुलिस इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार कर जोधपुर ले आई। उसके बाद से वह जोधपुर जेल में ही बंद रहा। इस दौरान आसाराम की तरफ से सुप्रीम और हाईकोर्ट समेत जिला कोर्ट में 11 बार जमानत लेने की कोशिश की गई। उसकी तरफ से राम जेठमलानी, सुब्रमण्यम स्वामी, सलमान खुर्शीद सहित देश के कई जाने-माने वकील तक पैरवी कर चुके है।