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सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले में चाबी के छल्ले बने स्कूली बच्चों की पसंद

मैट्रो प्लस से महेश गुप्ता की रिपोर्ट
सूरजकुंड/फरीदाबाद, 9 फरवरी: कहते हैं न कि कला तो कला होती है और उसे नकारा नहीं जा सकता है,जी हां-हरियाणा में चल रहे 31वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले में एक ओपन स्टाल के तहत चाबी के छल्लों पर अपना नाम लिखवाने वाले युवाओं की काफी भीड़ देखने को मिल रही है। ये नाम महाराष्ट्र के नागपुर से आए फयूम बशीर शेख लिख रहे है, वे पीतल की प्लेट को काटकर पीतल के नाम लिखे हुए छल्ले तैयार कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के नागपुर से आए हुए फयूम बशीर शेख का कहना है कि उनके यहां पर ज्यादा युवा व युवतियंा और स्कूली बच्चे आ रहे हैं, जो इस प्रकार के चाबी के छल्लों को काफी पंसद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे एक छल्ले को 30 मिनट से लेकर एक घंटे की समय अवधि में हाथ से तैयार कर देते हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए वे 100 रुपए से लेकर 300 रुपए तक लेते है क्योंकि कई बार छल्लों पर बडे नाम या किसी कंपनी या अन्य प्रकार की आकृति को उकेरना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि वे इस कार्य में बचपन से ही जुड़े हुए हैं ओर उनहें इस प्रकार का कार्य करना अच्छा लगता है क्योंकि जब कोई भी व्यक्ति या युवा अपने नाम का छल्ला देखता हैं तो उसे काफी खुशी महसूस होती है। उन्होंने बताया कि सूरजकुंड मेले में वे पिछले 10 सालों से आ रहे हैं और यहां पर आने लिए प्रत्येक साल आतुर रहते हैं।
उनके इस स्टाल पर फरीदाबाद से आई रूचि ने बताया कि उन्होंने यहां से अपने नाम का पीतल का छल्ला बनवाया है जो काफी आकर्षक फ ोंट में बनवाया है। उन्होंने बताया कि यह काफी अच्छा दिखाई दे रहा है। इसी प्रकार दिल्ली से आए मनोज ने भी यहां से एक अपने नाम का छल्ला बनवाया है, जो काफी आकर्षक है इसके साथ ही यह काफी मजबूत और कई सालों तक चलने वाला भी है।


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