बल्लभगढ़ : नगर निगम के अधिकारी किस प्रकार जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा शुरू गई सीएम विंडो के अधिकारियों को अपनी झुठी रिपोर्ट भेजकर उन्हें गुमराह करते हैं, यह तो कोई नगर निगम के संयुक्त आयुक्त अमरदीप जैन से जानें। चंद चांदी के सिक्कों की लालच में ये अधिकारी अपनी नौकरी की परवाह किए बिना मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों तक को भी गुमराह करने से नहीं चुकते। ऐसा ही एक उदाहरण यहां चावला कालोनी के मेन बाजार में देखने को मिला जहां अवैध निर्माणकर्ताओं से मोटी रकम लेकर नगर निगम के संबंधित अधिकारियों ने सीएम विंडो के अधिकारियों को अपनी झुठी रिपोर्ट भेजकर उन्हें गुमराह करने का काम किया है। वहीं अवैध निर्माणकर्ताओं से मिलकर उन्हें अपने अवैध निर्माण को पुराना निर्माण दिखाने के लिए निर्माण पर पीली सफेदी पोतने जैसे तरीके भी बता दिए जाते है, जैसा कि इस मामले में भी हो रहा है। इन निगम अधिकारियों की इस करतुत की शिकायत महेश चंद नामक व्यक्ति ने सीएम विंडो के अधिकारियों सहित जिला उपायुक्त, निगमायुक्त व अन्य संबंधित अधिकारियों को लिखित रूप से की है।
शिकायतकर्ता महेश चंद ने अपनी शिकायत में कहा है कि सी-11 ऋषि नगर, मेन बाजार, चावला कालोनी में बेसमेंट सहित एक कॉमर्शियल ईमारत का अवैध निर्माण जोर-शोर से किया जा रहा है। इस बारे में उन्होंने 23 दिसम्बर, 2016 को जब सीएम विंडो पर शिकायत की गई तो संयुक्त आयुक्त बल्लभगढ़ व एसडीओ तोडफ़ोड़ वीरेन्द्र पाहिल ने बजाए अवैध बेसमेंट तोडऩे के अवैध निर्माणकर्ताओं से मिलकर खानापूर्ति के लिए उक्त दीवार की दो-चार ईंटे गिराकर बेसमेंट को अस्थायी तौर पर मिट्टी से भरवा दिया तथा सीएम विंडो के संबंधित अधिकारियों को शिकायत पर कार्यवाही करने की बात लिखकर शिकायत को दफ्तर दाखिल करने का अपना जवाब भेज दिया। बकौल महेश इस संबंध में जब उन्हें पता चला तो उन्होंने इस मामले की लिखित शिकायत दोबारा से 13 फरवरी, 2017 को सीएम विंडो पर कर दी कि संयुक्त आयुक्त बल्लभगढ़ ने गलत रिपोर्ट दी है, इसलिए इस मामले में इस अवैध निर्माण का मौका मुआयना किसी दूसरे अधिकारी से करवाकर अवैध निर्माण को हटवाते हुए अवैध निर्माणकर्ता के खिलाफ कार्यवाही करने की जाए। पर हुआ क्या कि सीएम विंडो से यह शिकायत किसी ओर अधिकारी को भेजने की बजाए दोबारा से संयुक्त आयुक्त बल्लभगढ़ को ही भेज दी गई। महेश के मुताबिक इस शिकायत की सुनवाई के लिए छुट्टी वाले दिन शनिवार चार मार्च को नगर निगम के संयुक्त आयुक्त अमरदीप जैन ने उन्हें अपने कार्यालय बुलाकर कहा कि उक्त अवैध निर्माण पूरा बनने पर हम इसको सील कर देंगे। और अगर इस मामले की शिकायत दोबारा सेे सीएम विंडो पर की तो फिर सीएम विंडो से ही यह अवैध निर्माण तुड़वा लेना। महेश ने इस सारे मामले की शिकायत फिर से सीएम विंडो तथा जिला उपायुक्त को लिखित रूप में की है। लेकिन अभी तक उनकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है और मौके पर अवैध निर्माण लगातार जोर-शोर से चल रहा है।
गौरतलब रहे कि एक तरफ जहां जिला उपायुक्त और नगर निगम आयुक्त शहर में से अतिक्रमण व अवैध निर्माण हटाने को लेकर प्रयासरत हैं। यहीं नहीं, सरकार ने तो इस दिशा में कदम उठाते हुए जहां नगर निगम फरीदाबाद में पहली बार एडिशिनल कमिश्नर की नियुक्ति की है तथा निगमायुक्त ने भी उन्हें खासतौर पर अतिक्रमण व अवैध निर्माण को हटाने की जिम्मेदारी सौंपी हैं। बावजूद इसके शहर में अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी हैं। वहीं उनके अधीनस्थ अधिकारी अपनी तिजोरियों को भरने के लिए उनके इस अभियान को पलीता लगाने में लगे हुए हैं। इसके लिए ये अधिकारी जनता की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री द्वारा खोली गई सीएम विंडो के अधिकारियों को भी अपनी झुठी रिपोर्ट भेजने से गुरेज नहीं कर रहे हैं।