मैट्रो प्लस से नेहा खन्ना कि रिपोर्ट
फरीदाबाद, 4 मई:वाईएमसी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय फरीदाबाद के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के लिए परिणाम आधारित मान्यता विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए विश्वभर में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अपनाये जा रहे श्रेष्ठ अभ्यासों को शामिल करना है।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो० दिनेश कुमार ने कहा कि तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किये जा रहे है। जिसमें परिणाम आधारित शिक्षा प्रणाली को लागू करना एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन गुणवत्ता में सुधार कार्यक्रमों को लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है और इसके लिए उन्होंने मैकेनिकल विभाग को कार्यशाला के सफल आयोजन पर बधाई दी। कुल सचिव डॉ० संजय कुमार शर्मा ने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए विश्वविद्यालय को तैयार रहने की आवश्यकता है।
इससे पूर्व मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ० तिलक राज ने विश्वविद्यालय में विकास के नये अवसर तथा वातावरण सृजित करने में योगदान के लिए कुलपति का आभार जताया। इस अवसर पर कार्यशाला के संयोजक डीन इंस्टीट्यूशन्स डॉ० संदीप ग्रोवर ने कार्यशाला की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इससे पहले कार्यशाला के तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए प्रो० तिलक राज ने पाठ्यक्रम परिणामों की मैपिंग तथा पाठ्यक्रम परिणामों को प्राप्त के लिए प्रत्यक्ष व अप्रत्यक आकलन उपकरणों के बारे में बताया। कार्यशाला के संचालन में डॉ० राजीव साहा तथा डॉ० महेश चंद ने योगदान दिया।