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प्राईवेट स्कूलों का गड़बड़झाला: खर्चे में चेयरमैन व पत्नी की मासिक तनख्वाह 5-5 लाख

ज्यादातर प्राईवेट स्कूलों ने निर्धारित अवधि के बाद 31 दिसंबर के बाद फार्म-6 जमा कराया
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 05 अगस्त: यदि हरियाणा अभिभावक मंच की माने तो जो रिपोर्ट उनको चेयरमैन फीस एंड फंड रेगुलर कमेटी गुडग़ांव से मिली है उसमें कई प्राईवेट स्कूलों के चेयरमैन व उनकी पत्नी को तो खर्चे मे मासिक 5-5 लाख तनख्वाह मिलती है जोकि सरासर सोसाईटी एक्ट के नियम के खिलाफ है। यही नहीं, प्राइवेट स्कूल संचालकों ने तो लाभ में होते हुए भी पिछले 5 सालों में स्कूल फीस व फंडों में नाजायज वृद्धि की है। लाभ को कम दिखाने के लिए खर्चों में ऐसे मद डाले गए हैं जिन पर नियमानुसार खर्चा दिखाया ही नहीं जा सकता है। यह खुलासा चेयरमैन फीस एंड फंड रेगुलर कमेटी गुडग़ांव के आदेश पर फरीदाबाद के 16 स्कूलों की की गई ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया है।
हरियाणा अभिभावक मंच की ओर से मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने एफएफआरसी गुडग़ांव ऑफिस में आरटीआई लगाकर डी.ए.वी. सेक्टर-14, एम.वी.एन. सैक्टर-17 व अरावली हिल्स, एपीजे सैक्टर-15, डीपीएस सेक्टर-19 व ग्रेटर फरीदाबाद, रेयान सैक्टर-21, आयशर सैक्टर-46, मार्डन स्कूल सैक्टर-17 आदि फरीदाबाद के 16 स्कूलों की आडिट रिपोर्ट की कॉपी मांगी थी जो राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील दायर करने के बाद प्राप्त हुई।
मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिव कुमार जोशी व सचिव डॉ. मनोज शर्मा ने बताया है कि मंच के लीगल सैल ने ऑडिट रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद यह पाया कि ऑडिटर एस.एस. शर्मा एंड एसोशिएट ने डीएवी सैक्टर-14 सहित सभी स्कूलों की ऑडिट रिपोर्ट में लिखा है कि ज्यादातर स्कूलों ने निर्धारित अवधि के बाद यानि प्रत्येक साल की 31 दिसंबर के बाद फार्म-6 जमा कराया है जो सरासर गलत है। जो स्कूल निर्धारित अवधि में फार्म-6 जमा नहीं कराते हैं वे आगामी सत्र में फीस बड़ा ही नहीं सकते हैं। दूसरा स्कूल प्रबंधक अप्रैल में शुरू होने वाले सत्र के लिए किए जाने वाले नए दाखिले में एडवांस के रुप में कोई फीस नहीं ले सकते हैं, जो उसके प्रबंधकों ने ली है। आय-व्यय के खर्चे में खर्च के कॉलम में ऐसे नाजायज मद पर खर्चा दिखाया गया है जो नियमों के अनुसार दिखाया नहीं जा सकता। ऐसा करके स्कूल प्रबंधकों ने अपने लाभ को कम दिखाने का प्रयास किया है। कई स्कूल प्रबंधकों ने तो दो-दो नाम से रसीद बुक बनाकर उनसे अलग-अलग पैसा वसूला गया है।
इसके अलावा शिक्षा सत्र 2012-13, 2013-14, 2015-16 में आय-व्यय में काफी अंतर मिला है। कई स्कूलों के चेयरमैन व उनकी पत्नी ने खर्चे मे मासिक 5-5 लाख तनख्वाह डाली हुई है जो सोसाईटी एक्ट के नियम के खिलाफ है। मंच का लीगल सेल प्राप्त आडिट रिपोर्ट का काफी बारीकी से अध्ययन कर रहा है और उसमें दिखाई गई कमियों को आधार बनाकर शीघ्र ही अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा हरियाणा सरकार के पास एक याचिका डाली जाएगी और उनसे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जाएगी। अगर वहां पर कोई उचित कार्यवाही नहीं हुई तो फिर पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी।
मंच ने रविवार को अपनी कोर कमेटी की बैठक आयोजित करके इस मामले पर गहन विचार विमर्श किया है और ताजे मामले में फरीदाबाद के दोनों स्कूल संचालक डीएवी से कहा है कि वे शीघ्र ही पढ़ाई से वंचित किये गये बच्चों को अपने स्कूल में पुन: प्रवेश देकर उनकी पढ़ाई शुरू कराये। फीस का मामला उनके अभिभावकों के साथ रखे, बच्चों को मोहरा न बनाए। उनके छुटे हुए कोर्स को पूरा कराएं और ऐसा ना होने पर मंच आगे इन दोनों के खिलाफ अपनी ओर से कार्रवाई करेगा।


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