मैट्रो प्लस से कृष्ण आर्य की रिपोर्ट
पुन्हाना (मेवात), 31 अक्टूबर: पूर्व गृहराज्य मंत्री मरहूम चौ. सरदार खान के पुत्र एवं कांग्रेसी नेता एजाज खान ने अपने कार्यालय पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 34वें बलिदान दिवस व लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की 143वीं जयंती मनाई। इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने दोनो महान हस्तियों के चित्रों पर पुष्पार्पण कर उनकी जीवन शैली पर प्रकाश डाला।
कांग्रेसी नेता एजाज खान ने कहा कि श्रीमती इंदिरा गांधी पूरे जीवनभर देश के लिए जीयी व देश पर ही कुर्बान हो गई। बचपन से लेकर अपनी शहादत के दिन 31 अक्टूबर, 1984 तक वे देश के निर्माण, विकास व सबके कल्याण के लिए कार्य करती रही। एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में उन्होंने आजादी आंदोलन में सक्रियता से कार्य करके कई बार जेल यात्राएं भी की व आजादी के बाद 16 वर्ष तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में काम करके भारत को दुनिया की एक शक्ति बनाया। इंदिरा जी ने देश के गरीबों के लिए विशेष काम करके आम आदमी के मन में अपने प्रति अगाद्घ श्रद्घा व प्रेम पैदा किया। बैंकों का राष्टीयकरण, प्रीवीपर्स की समाप्ति, परमाणु विस्फोट, बंगला देश का निर्माण उनके द्वारा उठाये गए ऐसे ऐतिहासिक कदम है, जो इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता से लड़ते हुए उन्होंने अपने जीवन का बलिदान किया, वह अपने आप में एक प्ररेणा का विषय है। इंदिरा जी जैसी दृढ़ता व दूरदर्शिता बहुत ही कम नेताओं में मिलती है। समाज के हर वर्ग व हर क्षेत्र को उन्होंने सत्ता में भागीदारी देने के लिए अनथक मेहनत की। धर्म निरपेक्षता व सामाजिक सौहार्द में विश्वास रखने वाली इंदिरा जी देश व दुनिया के लिए अपने जीवनभर प्ररेणा का स्त्रोत रही है व अपने बलिदान के 34 वर्ष बाद भी उनका महत्व और बढ़ा है। पूरा राष्ट्र उनसे प्ररेणा ले रहा है। ऐसी महान महिला को श्रद्घांजलि देना अपने आप में गौरव की बात है।
एजाज खान ने लौहपुरूष सरदार वल्ल्बभाई पटेल की 143वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सरदार पटेल का पूरा समाज व गांवों के हित के लिए संघर्ष करने में बीता। आजादी की लड़ाई में उनका योगदान अमूल्य था और आजादी के बाद बिखरी रियासतों को भारत में विलय करवाकर एक मजबूत भारत के निर्माण में उनकी भूमिका सदैव याद की जाती रहेगी। लौहपुरुष सरदार पटेल को यह राष्ट्र कभी नही भूला सकेगा। सरदार पटेल व श्रीमती इंदिरा गांधी दोनो ही देश के महान विभूतियां है। सरदार पटेल ने आजादी की लड़ाई का नेतृत्व किया व आजादी के बाद देश की विभिन्न रिसायतों को भारत में मिलाकर एक मजबूत देश के निर्माण में ऐतिहासिक भूमिका निभाई, वहीं देश के प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा जी का अस्मरणीय योगदान इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है।
इस मौके पर शौकत घुडचढी सिरौली, रशीद अधिवक्ता, तैयब खेडा जिलाध्यक्ष, रफीक गंगवानी, नौमान सरपंच, रिजवान औथा, जाकिर खान, पण्डित धर्मवीर, शाकिर पैमा, जोरमल नई , हाफिज इब्राहिम, आलम गुवराडी सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।