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चारू स्मिता मल्होत्रा ने कहा, बिक्री जीवन के प्रत्येक पहलू के साथ जुड़ा हुआ तथ्य

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 8 दिसम्बर: संस्थान के उत्पादन की बिक्री को बढ़ाने व इसके प्रभावी प्रबंधन के लिए टाईम मैनेजमेंट, संगठन, समस्या के समाधान की ओर प्रभावी पग और आत्मविश्वास व सुरक्षा काफी आवश्यक है। आवश्यकता इस बात की है कि बिक्री पर ध्यान देते हुए इन सभी तथ्यों पर भी ध्यान दिया जाए। टैक्रोलॉजी एंड पर्सनैल्टी डवलपमैंट सैंटर द्वारा सैलिंग तकनीक पर आयोजित विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में यह विचार व्यक्त करते हुए सैंटर की सीईओ सुश्री चारू स्मिता मल्होत्रा ने कहा कि प्रभावी बिक्री तकनीक के लिए कई तथ्य आवश्यक हैं जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिक्री जीवन के प्रत्येक पहलू के साथ जुड़ा हुआ तथ्य है जिसमें हमारा घर, कार्यालय, स्कूल, अस्पताल और सामाजिक सर्किल भी जुड़ा हुआ है।
इस मौके पर सुश्री मल्होत्रा ने कहा कि मार्किट का अध्ययन, स्पर्धा में आए लोगों पर अनुसंधान, तकनीक, स्टैटेजी, नेटवर्किंग और विज्ञापन के साथ-साथ सोशल मीडिया में पहचान काफी आवश्यक है और इससे ग्राहक का आकर्षण बनता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बिक्री एग्जीक्यूटिव को एक निर्धारित शैड्यूल के अनुसार चलना चाहिए, अपनी प्लानिंग को क्रियान्वयन करने के लिए योजना बनानी चाहिए और एक टाईम फ्रेम निर्धारित किया जाना चाहिए कि कितने समय में क्या-क्या लक्ष्य प्राप्त करने हैं।
मार्किटिंग प्रोफैशनल अनुपम शर्मा ने अपनी प्रेजैन्टेशन में बताया कि प्री-सेल की तैयारी वास्तव में अच्छे परिणाम देती है। आपने लक्ष्य का निर्धारण करने, सेल्ज सैल का ढांचा तैयार करने, उपभोक्ता की बेसिक जरूरतों के लिए आरएंडडी पर ध्यान देने और आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के लिए नए प्रोजैक्ट बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। श्री शर्मा ने कहा कि हमें सफलता के लिए मानसिक रूप से तैयार होना चाहिए, शारीरिक बल को बेहतर बनाना चाहिए और अपनी मंत्रणा की क्वालिटी को बढ़ाना चाहिए। श्री शर्मा ने कहा कि सफलता के लिए प्रत्येक स्तर पर तैयार रहना चाहिए, नकारात्मकता पर ध्यान देना चाहिए, अपने अहम का समय-समय पर आंकलन करना चाहिए, नई तकनीक पर ध्यान देना चाहिए और अनुसंधान की ओर बढऩा चाहिए।
इस मौके पर अपोलो हैल्थ केयर की सुश्री दीक्षा सेठी ने अपनी प्रेजैन्टेशन में कहा कि एक सफल सेल्ज एग्जीक्यूटिव को अपनी क्षमता, आवाज, शैली, बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने प्रोडक्ट से प्यार करते हैं तो और बेहतर ढंग से उसे प्रस्तुत कर सकते हैं। उन्होंने कई ऐसे उदाहरण दिए जिनमें कभी भी अपने स्पर्धी की आलोचना नहीं की गई बल्कि अपने प्रोडक्ट की उत्तमता को दर्शाया गया, इस हेतु उन्होंने आशीर्वाद आटा, टाटा साल्ट व पारले जी का उदाहरण भी दिया।
ट्रेनिंग कार्यक्रम में बड़ी संख्या में औद्योगिक व व्यावसायिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 


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