मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
बल्लभगढ़, 24 दिसम्बर: आखिरकार श्री वैश्य अग्रवाल समाज, चावला कालोनी में प्रबंधन समिति के चुनावों को लेकर चल रहा विवाद समाज के लोगों के सामूहिक प्रयास से खत्म हो ही गया जिसके लिए समाज के लोग बधाई के पात्र हैं। समाज ने आपसी प्रयासों से संस्था की एडोक कमेटी के कनवेयर भगवानदास गोयल को सर्वसम्मति से संस्था का प्रधान घोषित कर दिया है। जबकि कन्हैयालाल गोयल व जयकिशन को उपाध्यक्ष, टेकचंद अग्रवाल को महासचिव, नरेश कुमार मंगला मालवीया को कोषाध्यक्ष तथा राजेश सिंगला को संयुक्त सचिव बनाया गया है। बाकी उम्मीदवारों ने समाज की सहमति से अपने-नाम वापिस ले लिए हैं जोकि समाज के लिए एक अच्छी पहल है।
गौरतलब रहे कि पिछले काफी समय से संस्था की गवर्निंग बॉडी गठित करने के लिए रस्साकसी चल रही थी। यहां तक की जिला रजिस्ट्रार ऑफ सोसायट्ीज फरीदाबाद को यहां अपना एक प्रशासक तक भी नियुक्त करना पड़ गया था। बाद में रजिस्ट्रार द्वारा यहां हरियाणा रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन ऑफ सोसायट़्ीज एक्ट 2012 के सेक्शन 39 (10) के तहत अपने शक्तियों का प्रयोग करते हुए उपरोक्त संस्था की एक एडोक कमेटी बनाकर उसमें एक कनवेयर भगवान दास गोयल तथा संस्था के 12 सदस्यों को नियुक्त कर दिया गया था। इनको संस्था के चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसी के चलते कमेटी ने संस्था के सदस्यों की एक मीटिंग बुलाकर अग्रवाल कॉलेज के रिटायर्ड प्रिंसीपल डॉ. एस.के.गर्ग को श्री वैश्य अग्रवाल समाज चावला कालोनी की प्रबंधन कमेटी के चुनावों के लिए चुनाव अधिकारी नियुक्त कर दिया था। चुनाव अधिकारी के तौर पर डॉ. गर्ग ने चुनाव के लिए आगामी 30 दिसंबर की तारीख निधार्रित कर दी थी तथा संस्था के संविधान के मुताबिक गवर्निंग बॉडी के विभिन्न पदों के लिए नामांकन मांग लिए थे। संस्था का पदाधिकारी बनने की चाह में कई लोगों अलग-अलग पदों के लिए नामांकन भरे थे जोकि समाज के लोगों की हुई तीन-चार अनौपचारिक बैठकों के बाद कल वापिस ले लिए गए। इसी के साथ इस सारे चुनावी खेल का पटाक्षेप हो गया।
समाज के लोगों ने अब संस्था के नए प्रधान भगवानदास गोयल से उम्मीद की है कि वो संस्था के उद्ेश्यों को सही तरीके से पूरा करेंगे तथा संस्था के अंर्तगत चल रही अग्रवाल धर्मशाला का भी उत्थान करेंगे।
कुल मिलाकर जिस तरीके से बिना चुनावों के ही संस्था की गवर्निंग बॉडी गठित की गई है, उससे समाज में एक अच्छा संदेश गया है। उम्मीद है कि भविष्य में संस्था की नई गवर्निंग बॉडी बिना किसी राजनीति के समाज के उत्थान में नए आयाम स्थापित करेगी और धर्मशाला को किसी भी राजनैतिक दल का अखाड़ा नहीं बनने देगी।