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वाह रे MCF अफसरों, कंपलीशन सर्टिफिकेट एप्लाई करने से पहले ही दे दिया अप्रूवल!

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
भ्रष्ट्राचार के आरोपी DTP महिपाल को निगमायुक्त ने बनाया हुआ है नगर निगम ओल्ड फरीदाबाद का ज्वाईंट कमिश्रर
फरीदाबाद, 25 मार्च: भ्रष्ट्राचार में आंकठ डूबे नगर निगम के अधिकारी कोई ना कोई गुल खिलाते रहते हैं। इस बार तो इन्होंने पैसे की हवस पूरी करने के लिए हद की कर दी। मामला सुनेंगे तो रोंगटे खड़े हो जाएगें की कि कैसे निगम अधिकारी अपना आर्थिक हित साधने के लिए फाईलों से खेलते हैं।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है सैनिक कालोनी स्थित 12जी एवन्यू बिल्डिंग का। जहां कि निगम अधिकारियों ने 12जी एवन्यू की बिल्डिंगों को कंपलीशन सर्टिफिकेट एप्लाई करने से पहले ही उन्हें अप्रूवल दे दिया। मजेदार बात तो यह है कि निगम अधिकारी कंपलीशन सर्टिफिकेट अप्लाई करने से पहले ही साइट का मौका-मुआयना भी कर आए और अपनी रिपोर्ट तक तैयार कर दी।
नगर निगम से आरटीआई में मिले जबाव के अनुसार सैनिक कालोनी स्थित 12जी एवन्यू के प्लांट नंबर 4837, 4836, 4818, 4814, 4815, 4816, 4817, 4822, 4819, 4821, 4820, 4827, 4828, 4829, 4830 का कंपलीशन सर्टिफिकेट 10 नवंबर, 2017 को अप्लाई किया गया और नगर निगम ने उक्त 15 बिल्डिंगों को मात्र पांच दिनों के भीतर-भीतर 14 नवंबर, 2017 को कंपलीशन सर्टिफिकेट भी दे दिया गया है। जबकि इन पांच दिनों में 11 नवंबर को शनिवार और 12 नवंबर को रविवार को दो दिन तो निगम अधिकारी और नगर निगम की छुट्टी थी। यानि 13 नवंबर यानि सोमवार को नगर निगम अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया और जांच कर रिपोर्ट भी तैयार कर ली और पूरी कार्रवाई कर 14 नवंबर, 2017 को उक्त 15 बिल्डिंग को कंपलीशन सर्टिफिकेट डिस्पैच भी कर दिया गया।
चौंकाने वाली बात तो यह है कि निगम अधिकारियों ने वो सर्वे रिपोर्ट कंपलीशन एप्लाई और जारी करने से पहले कैसे तैसार कर ली जोकि कंपलीशन सर्टिफिकेट के साथ अटैच है।
जानकारी के मुताबिक इस सर्वे रिपोर्ट के अनुसार तो नगर निगम के तत्कालीन ज्वाईंट कमिश्रर, एक्सईन, डीटीपी, एसडीओ और जेई ने अगस्त माह में साईट का सर्वे कर रिपोर्ट भी एडवांस में तैयार कर ली और सैनिक कालोनी स्थित 12जी एवन्यू की उक्त 15 बिल्डिंगों को अप्रूवल भी दे दिया जबकि कंपलीशन 10 नवंबर को एप्लाई हुआ। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब कंपलीशन एप्लाई ही 10 नवंबर, 2017 को हुआ तो फिर ऐसे में अगस्त में सर्वे रिपोर्ट कैसे तैयार हुई और बिना फाईल जमा कैसे इन 15 बिल्डिंगों को एप्रवूल दे दिया गया। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।
इसका सारे मामले का खुलासा हुआ है एक आरटीआई के जबाव में जोकि सैनिक कालोनी निवासी विरेन्द्र भड़ाना ने लगाई थी। इसकी शिकायत वीरेन्द्र ने जिला उपायुक्त, नगर निगम कमिश्रर, पुलिस कमिश्रर सहित संबंधित अधिकारियों को भी की हुई है लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। शिकायतकर्ता विरेन्द्र भड़ाना ने अपनी शिकातय में उस समय ज्वाईंट कमिश्रर रहे मुकेश सोलंकी, डीटीपी महिपाल, तत्कालीन एसडीओ, जेई पर मोटी रिश्वत लेकर बिना फाइल जमा हुए अप्रूवल देने का आरोप लगाया है।
अब देखना यह है कि ईमानदार और तेजतर्रार कही जाने वाली नगर निगम की कमिश्रर अनीता यादव इस मामले में क्या रूख अपनाती हैं जिन्होंने ही कि डीटीपी महिपाल को नगर निगम ओल्ड फरीदाबाद के ज्वाईंट कमिश्रर का एडीशनल चार्ज दिया हुआ है।


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