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एडेड कॉलेज के स्टॉफ को टेकओवर करने के लिए TCA डायरेक्टर से मिला

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
चंडीगढ़/फरीदाबाद, 26 मार्च: कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (सीटीए) के एक शिष्टमण्डल ने राज्य प्रधान डाँ. राजबीर सिंह के नेतृत्व में उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिलकर उनसे सरकारी सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के स्टॉफ को टेकओवर करके हजारों लोगों के जीवन को सुरक्षित बनाए रखने की मांग की है।
ध्यान रहे कि ये मीटिंग स्वयं उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक ने टेकओवर के मुद्दे पर विभिन्न पक्षो से चर्चा हेतू बुलाई थी। ऐसा इसलिए था क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से सीटीए द्वारा ये पुरजोर मांग की जा रही थी। इतना ही नहीं, हरियाणा BJP ने अपने 2014 के चुनावी घोषणापत्र में सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों एवं कॉलेजों के स्टॉफ को टेकओवर करने की बात कही थी जिसके तहत एडिड स्कूलों के स्टॉफ को तो सरकार ने वर्ष 2017 में टेकओवर कर लिया लेकिन कालेजों के स्टॉफ को अभी तक भी टेकओवर नहीं किया गया। इस बारे में सीटीए बार-बार सम्बन्धित अधिकारियों, शिक्षा मन्त्री, मुख्यमंत्री एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों को भी इस सम्बन्ध में ज्ञापन दे चुका हैं।
सीटीए की ओर से प्रधान डॉ. राजबीर सिंह ने कहा कि समस्त प्राध्यापक समुदाय एकहीनता, भेदभाव और भय के माहौल में रहता है। इसके अनेक कारण हैं। प्रथम कारण, इन कालेजों को आज भी समाज में प्राइवेट कालेज कहा जाता है जो प्राध्यापकों में हीनता के भाव पैदा करता है जिससे अध्ययन एवं अध्यापन कार्य नकारात्मक रुप से प्रभावित हो रहा है। मैनेजमैंटस का रवैया भी अध्यापक हितों के प्रति सदैव ही नकारात्मक रहता है। इसी कारण कर्मचारियों के खिलाफ अनेक बेसिर-पैर के आरोप लगा दिए जाते हैं। इसी के साथ डॉ. राजबीर ने कहा कि एडेड कॉलेजों के स्टॉफ को टेकओवर करने से सरकार को सैकड़ों करोड रुपये का फायदा होगा क्योंकि सरकार ने 31 न्ए कालेज खोले हैं जिनमें स्टॉफ की भारी कमी है। पुराने कालेजो में पहले से ही स्टाफ की भारी कमी है जिससे राज्य मे उच्च शिक्षा के स्तर में काफी गिरावट आई है।
डॉ. राजबीर सिंह ने बताया कि टेक ओवर करके सरकार काफी समस्याओं का समाधान एक ही साथ कर सकती है। डॉ. सिंह ने अध्यापकों के हित सम्बन्धी अन्य विषय भी उनके सामने रखे। उन्होने मांग रखी कि एडिड कालेजों के स्टॉफ के टेक ओवर के साथ ही उन्हें वो सारी सुविधाएं दी जाए जो सरकारी कालेजों के स्टॉफ को मिलती हैं। इसके साथ साथ प्रोमोशन एवं M.Phill, PHD के इन्क्रिमैन्टस को
बेसिक सैलरी के साथ मिलाकर उन पर डीए देने की मांग भी रखी।
ध्यान रहे कि इन सभी विषयों पर अधिकारियों का रूख काफी सकारात्मक रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जल्द ही M.Phill, PHD के इन्क्रिमैन्टस बेसिक पे के साथ मिला कर दे दिए जाएंगे। इसके साथ -साथ टेक ओवर की फ़ाइल अब और भी गति पकडेगी। सीटीए ने सभी अधिकारियों का उनके सकारात्मक सहयोग के लिए धन्यवाद किया।


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