मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट
नई दिल्ली, 10 अप्रैल: सभी राजनीतिक दल बुधवार सुबह तक 17वीं लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान को लेकर तैयारी में जुटे थे। लगभग 11 बजे सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों में एक बार फिर से जंग करा दी। चुनाव के दौरान आरोप-प्रत्यारोप और तेज शुरू हो गए। शीर्ष अदालत ने राफेल डील पर दोबारा सुनवाई का आदेश क्या दिया विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस आक्रामक हो गई और इसी बहाने उसने केंद्र की भाजपा सरकार से जवाब मांगते हुए हमला बोला। हालांकि भाजपा ने भी जवाबी हमला बोला है।
यहां आपको बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने रक्षा मंत्रालय से लीक हुए दस्तावेजों की वैधता को स्वीकार कर लिया है। राफेल से जुड़े दस्तावेज अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का हिस्सा रहेगा। दूसरी ओर राहुल गांधी के द्वारा पिछले एक साल से जोर-शोर से उठाए जा रहे राफेल डील का मुद्दा जो कि चुनाव के दौरान फीका पड़ गया था, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फिर गर्मा गया है।
दूसरी ओर मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोदी जी हर जगह कह रहे थे कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राफेल में क्लीन चिट मिली है। आज के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साबित हो गया कि मोदी जी ने राफेल में चोरी की है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लंबे समय से राफेल डील पर मोदी सरकार पर चोरी के आरोप लगा रहे हैं। चुनावी रैलियों में राहुल गांधी चौकीदार चोर के नारे लगा रहे थे। हालांकि राहुल गांधी के आरोपों को 14 दिसंबर, 2018 में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बड़ा झटका लगा था, जिसमें कोर्ट ने राफेल लड़ाकू विमान की खरीद प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गलती दिखाई नहीं देने की टिप्पणी की थी।
दूसरी ओर राफेल डील पर आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विपक्षी दलों के केंद्र सरकार को घेर जाने के बीच रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम अदालत के आदेश का पालन करते हैं। रक्षामंत्री ने आगे कहा कि उच्च न्यायालय ने राफेल डील को लेकर कोई सवाल नहीं उठाए हैं। सीतारमण ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने सभी हदें पार कर दी हैं।
दूसरी ओर राफेल मामले में वामदल, सपा और बसपा समेत अन्य को भाजपा पर हमला करने को मौका मिल गया है। बुधवार को राफेल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भाजपा को परेशान जरूर कर गया और कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष को बैठे बैठाए एक मुद्दा मिल गया।