– नगर निगम फरीदाबाद के अधिकारियों ने आवेदन से पहले ही दे दी सर्वे रिपोर्ट
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की विशेष रिपोर्ट
फरीदाबाद, 14 अप्रैल: वैसे तो हरियाणा सरकार अपनी टोलरेंस नीति के तहत बार-बार भ्रष्टाचार के खात्मे के बड़े- बड़े दावे करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर वास्तव में ऐसा कुछ नहीं हैं। इस सरकार में भ्रष्टाचार कम होने के बजाय और ज्यादा बड़ा है, फर्क इतना है कि ईमानदारी के नाम पर रिश्वत के रेट बढ़ गए हैं। नगर निगम फरीदाबाद के अन्र्तगत सेक्टर-49 सैनिक कालोनी में 12th एवेन्यू फ्लैटों की रजिस्ट्री, कम्प्लीशन व सर्वे में हुआ गड़बड़झाला इसका जीता जागता प्रमाण है जिसमें सरकार को जहां करोड़ों-अरबों के राजस्व का चूना लगा है, वहीं भ्रष्ट्राचार में आकंठ डूबे सरकारी अधिकारियों की कार्यप्रणाली और रिश्वतखोरी भी उजागर हुई है। ये भ्रष्टाचार हरियाणा के कुछ सरकारी विभागों के अधिकारी और हरियाणा सरकार के बड़े- बड़े नेता मिलकर कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक सैनिक कालोनी, सेक्टर-49 में 12th Avenue के फ्लैटों की रजिस्ट्रियों में करोड़ों नहीं बल्कि अरबों रूपयों का चूना सरकार को लगाया गया है। खास बात तो यह है कि सरकार को चूना लगाने वालों में कोई ओर नहीं बल्कि नगर निगम फरीदाबाद के जेई, एसडीओ, डीटीपी सहित कई अधिकारी शामिल हैं। और सरकार है कि इस मामले में बताए कोई कार्यवाही करने के चुपचाप बैठे तमाशा देख रही है।
ध्यान रहे कि सैनिक कालोनी, सेक्टर-49 में 12th Avenue के प्लॉट नंबर 4837, 4836, 4818, 4815, 4816, 4817, 4814, 4822, 4819, 4820, 4821, 4827, 4829, 4828, 4830 के कम्प्लीशन में नगर निगम फरीदाबाद के संबंधित अधिकारियों द्वारा बड़ा हेरफेर किया गया है। दस्तावेजों के मुताबिक उक्त प्लाटों के कम्प्लीशन के लिए आवेदन 10 नवम्बर, 2017 को किया गया था और 14 नवम्बर, 2017 को उनको कम्प्लीशन भी दे दिया गया जबकि इस बीच दो सरकारी छुट्टी भी थी।
यही नहीं, मजेदार बात तो यह है कि कम्प्लीशन सर्टिफिकेट आवेदन करने और जारी करने से करीब तीन महीने पहले ही यानि 16 अगस्त, 2017 को नगर निगम फरीदाबाद के तत्कालीन संबंधित जेई, डीटीपी और एसडीओ ने कम्प्लीशन सर्वे रिपोर्ट भी पास कर रखी है जोकि निगम अधिकारियों के भ्रष्ट्राचार और उनकी कार्यप्रणाली की पोल खोलती है। यह सारा खुलासा आरटीआई के जवाब में हुआ है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक उक्त सर्वे रिपोर्ट पर जेई आरिफ के 11 अगस्त, 2018 को, तत्कालीन डीटीपी महिपाल के 16 अगस्त, 2018 को तथा 17 अगस्त, 2018 को उस पर तत्कालीन ज्वाइंट कमिश्नर मुकेश सोलंकी के हस्ताक्षर हुए। खास बात तो यह है कि जेई आरिफ उस दौरान सैनिक कालोनी अथवा उस क्षेत्र के जेई ही नहीं था, बावजूद उस पर आरिफ के हस्ताक्षर हैं।उसके बाद उस सर्वे रिपोर्ट पर पर एसडीओ ओपी मोर ने हस्ताक्षर किये जबकि जेई के बाद एसडीओ के हस्ताक्षर होने चाहिए थे। यहां इन अधिकारियों ने बेतुके तरीके से लेन-देन करके हस्ताक्षर किये तभी ऐसा हुआ। आरोप है कि सैनिक कालोनी स्थित 12th Avenue के तीनों मालिक आशीष मनचंदा, वरूण मनचंदा और दीपक विरमानी इस गड़बड़झाले के जिम्मेदार हैं। वहीं इस घोटाले में ओर भी कई अधिकारी शामिल हैं। इस सारे गड़बड़झाले की शिकायत सरकार व संबंधित अधिकारियों को की जा चुकी है, लेकिन सरकार व अधिकारियों ने अब तक इस मामले में अभी तक कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई है।
वहीं हाल ही में इसी 12th Avenue से संबंधित फरीदाबाद की तहसील में हो रहे भ्रष्टाचार का सबूत सहित खुलासा किया गया था जिसमें बताया था कि फरीदाबाद की तहसील में एक स्टैम्प से दो रजिस्ट्री और उस फर्जी रजिस्ट्री पर 40 लाख का लोन लिया गया था। इसकी शिकायत भी फरीदाबाद के बड़े अधिकारियों और हरियाणा के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव से की गई थी लेकिन अभी तक भ्रष्टाचारियों ंपर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
आरोप है कि संबंधित अधिकारी भूमाफियाओं से मिले हुए हैं और इन माफियाओं पर एक बड़े सत्ताधारी नेता का हाथ है। वो सत्ताधारी नेता कौन है इसका खुलासा मैट्रो प्लस द्वारा जल्द ही किया जाएगा।
आरोप है कि सैनिक कालोनी, सेक्टर-49 स्थित 12th Avenue में इन भूमाफियाओं ने अपने चहेते नेता और भ्रष्ट अधिकारियों से मिलकर सरकार को करोड़ों का चूना लगाया है। इस मामले में जल्द ही इन माफियाओं के खिलाफ 156/3 के तहत कोर्ट से मामला दर्ज करवाने की तैयारी भी की जा रही है। -क्रमश:
वाह रे MCF अफसरों, कंपलीशन सर्टिफिकेट एप्लाई करने से पहले ही दे दिया अप्रूवल!