मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 19 अप्रैल: शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोकने के लिए सीबीएसई, हुडा व् हरियाणा शिक्षा नियमावली ने जो नियम कानून बना रखे हैं स्कूल प्रबंधकों को उनका पालन करना होगा। यदि जांच के बाद यह पाया गया कि स्कूल प्रबंधक इन नियम कानूनों का उल्लंघन करके मनमानी कर रहे हैं तो उनके खिलाफ उचित कार्यवाही की जायेगी। यह आश्वासन फीस व फंडस रेगुलेटरी कमीशन (एफएफआरसी) की चेयरमैन व मंडल आयुक्त फरीदाबाद ने हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रतिनिधिमंडल को दिया है।
ध्यान रहे कि आज शुक्रवार को मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओ.पी. शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा, जिला अध्यक्ष शिवकुमार जोशी, जिला सचिव डा० मनोज शर्मा सहित अशोक कुमार, बी.एस. विरदी, कुनाल मलिक, डी. कपूर, रमन सूद, आशुतोष आनंद, अर्चना गोयल आदि सदस्यों ने चेयरमैन एफएफआरसी से उनके सेक्टर 15ए स्थित कैंप कार्यालय में मुलाकात करके उन्हें अपना 20 सूत्री मांगपत्र सौंपा था। मांगपत्र में कहा गया था कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा किये जा रहे शिक्षा के व्यवसायीकरण पर पूरी तरह से रोक लगाई जाये और सरकारी स्कूलों में सभी जरूरी सुविधायें मुहैया कराई जाये। स्कूल में बच्चे के बस्ते का वजन भारत सरकार द्वारा निर्धारित किये गए वजन के बराबर रखा जाये, जिन प्राइवेट स्कूलों ने फॉर्म-6 के साथ अपनी बैलेंस शीट व अपनी ऑडिट रिपोर्ट नहीं लगाई है, उनके द्वारा की गई फीस बढ़ोतरी व उनके बनाये गैर-कानूनी फंड पर रोक लगाई जाये।
एफएफआरसी को दिए गए अधिकार के तहत शिकायत के आधार पर व 5 प्रतिशत के हिसाब से स्कूलों का लोट्स ऑफ ड्रा निकाल कर उन स्कूलों का ऑडिट किया जाये।
मंच के पदाधिकारियों के मुताबिक इस बातचीत व मांगपत्र के बाद चेयरमैन एफएफआरसी ने मंच को आश्वस्त किया की उन्हें जो अधिकार मिले है उनके अनुसार अभिभावकों के हित में उचित कार्यवाही जरूर की जाएगी।
काबिलेगौर रहे कि उपरोक्त बातों व मुद्दों के मद्देनजर हरियाणा अभिभावक मंच द्वारा 18 अप्रैल को मंच द्वारा सांकेतिक धरना/प्रदर्शन किया जाना था जिसके चलते मंडल आयुक्त ने उन्हें आज बातचीत के लिए बुलाया था।