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कहां गई मर्दानगी? सीलिंग होती रही और मर्दानगी दिखाने वाले दुकानदार मूकदर्शक बने देखते रहे!

– जब शराफत के चलते शिकायत कर बच गए पंकज गर्ग
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की स्पेशल रिपोर्ट
फरीदाबाद, 19 अप्रैल: ऐसा पहली बार हुआ है, नगर निगम से लोगों को प्यार हुआ है। यही कारण है कि लोगों की दुकानें, शोरूम और ढाबों पर सीलिंग होती जा रही थी और दुकानदार चुपचाप मुकदर्शक बने खड़े रहे। डीएलएफ के सैक्टर-9-10 व 10-12 की डिवाईडिंग रोड़ पर आज दोपहर बाद से शुरू हुई सीलिंग की पुन: कार्यवाही के दौरान मौके पर ना कोई विरोध, ना कोई नेता था इसलिए बड़े प्यार से सीलिंग की कार्यवाही को नगर निगम के तोडफ़ोड़ दस्ते ने चंद पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में ही अंजाम दे दिया था। वरना पिछली बार जब हाईकोर्ट के आदेश पर रिहायशी क्षेत्र में अवैध रूप से व्यावसायिक कार्य करने वाली ईमारतों में 11 व 12 फरवरी को नगर निगम ने सीलिंग की कार्यवाही की गई थी तो उस समय नगर निगम और पुलिस को लम्बी-चौड़ी फौज होने के बावजूद भी बड़े भारी विरोध का सामना करना पड़ा था।

वो बात अलग है कि उस समय दो दिन के अंदर-अंदर सीलिंग की कार्यवाही को पूरी तरह अंजाम दे दिया गया था और चंद नेता टाईप के दुकानदारों ने मर्दानगी दिखाते हुए नगर निगम के अधिकारियों से सांठगांठ करके अपने-अपने होटलों और शोरूम की सीलों को तोड़ दिया था। मैट्रो प्लस ने इस सारे मामले को उस समय प्रमुखता से छापा था और मौके से लाईव रिर्पोटिंग भी कर लोगों को सारे मामले से अवगत कराया था।
नगर निगम फरीदाबाद द्वारा लगाई गई सील तोडऩे के आरोप में काफी दुकानदारों के खिलाफ नगर निगम व हुडा ने पुलिस में मुकदमें भी दर्ज करवाए थे। और आज नगर निगम ने दोबारा से यहां सीलिंग की कार्यवाही को अंजाम दे दिया। रिहायशी क्षेत्र में अवैध रूप से व्यावसायिक कार्य करने वाली जिन ईमारतों में दोबारा से सीलिंग हुई है उनमें होटल वेलकम जोकि हाल-फिलहाल के भाजपा नेता वासदेव अरोड़ा के समधी राजकुमार कथूरिया का है, ब्रार्दस दा ढाबा जोकि हरपाल सिंह का है, प्रमुख हैं। इन दोनों के खिलाफ नगर निगम ने पुलिस में अदालत की अवमानना कर सीलिंग तोडऩे के आरोप में मुकदमा भी दर्ज करवाया हुआ है।
काबिलेगौर रहे कि इन लोगों के नेतृत्व में ही पिछले दिनों होटल ब्रार्दस दा ढाबा में मीटिंग कर काफी सीलों को इनके द्वारा खुद ही तोड़ दिया गया था।

पंकज गर्ग ने की थी पुलिस में सील तोडऩे की शिकायत:-
सील तोडऩे के इस प्रकरण में एक दिलचस्प पहलू यह आया कि डीएलएफ सैक्टर-10 के आई-68 के प्लॉट होल्डर पंकज गर्ग ने उस समय 22 मार्च को निगमायुक्त को एक लिखित शिकायत दी थी कि 20 मार्च की रात को कुछ लोग उनके प्लॉट पर आए थे और उनके गेट पर लगी सील को तोड़ गए थे, जोकि उनको फंसाने की एक चाल है। यहीं नहीं, पंकज गर्ग ने शिकायत में यह भी कहा था कि यदि नगर निगम वहां दोबारा सील लगाए तो भी उन्हें कोई एतराज नहीं होगा क्योंकि वहां उनका कोई व्यापारिक प्रतिष्ठान नहीं हैं।
शायद यही कारण रहा कि नगर निगम ने पंकज गर्ग को छोड़कर उन सभी लोगों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाया जिनकी सीलें उन्हें टूटी पड़ी मिली थी। इस खबर को भी मैट्रो प्लस ने उस समय प्रमुखता से प्रसारित किया था।

सीलिंग/तोडफ़ोड़ के नाम पर चंद निगम अधिकारियों ने भरी अपनी तिजोरियां ? कल हाईकोर्ट पर है सबकी निगाह


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