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ईमानदार निगमायुक्त: किसके साये में हो रहे हैं धड़ाधड़ अवैध निर्माण? Part-1

किन निगम अधिकारियों की जेबें गर्म हुई 25 लाख से?
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट
फरीदाबाद, 5 जुलाई:
भ्रष्ट्राचार का पर्याय बन चुके नगर निगम फरीदाबाद (MCF) के किसी भी अधिकारी को ईमानदारी का तमगा पहनाना बेमानी होगा। भ्रष्ट्राचार में आकंठ/गले तक डूबे MCF के अधिकारियों को तो छोड़ो अगर निगम के कर्मचारियों की सम्पति की ही जांच करवाई जाए तो इनमें से कोई भी कर्मचारी ऐसा नहीं निकलेगा जो करोड़पति-अरबपति से कम हो। शायद यहीं कारण है कि नगर निगम कंगाली से जूझाता रहता है और अधिकारी/कर्मचारी मौज उड़ाते हुए ऐशो-आराम की जिंदगी जी रहे हैं।
अब हम बात करें निगम क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माणों की तो निगमायुक्त अनीता यादव ने MCF का चार्ज संभालने के बाद से इनके खिलाफ अपनी मुहिम छेड़ रखी है। इस क्रम में निगम अधिकारियों ने पुलिस बल के साये में अब तक ना जाने कितने अवैध निर्माणों को धाराशायी कर दिया। वो बात अलग है कि ये धाराशायी हुए अवैध निर्माण आज उसी जगह-जगह पर बड़ी-बड़ी कॉमर्शियल बिल्डिंगों का रूप धारण कर चुके हैं। इसके पीछे क्या कारण हो सकता है इसे आप बखुबी समझ सकते हैं।
बी.के. हार्डवेयर रोड़ पर बाल भवन के सामने अभी भी कॉमर्शियल रूप से निर्माणाधीन गर्ग फोम हाऊस तथा न्यू तिकोना मार्किट में बना रहा मित्तल फोम हाऊस इसका जीता-जागता प्रमाण है। चर्चा आम है कि इन बहुमंजिला बिल्डिंगों को बनाने में कोई रूकावट ना आए इसके लिए 25 लाख रूपये का लेनदेन बिल्डिंग ठेकेदार और निगम अधिकारियों के बीच हुआ है जिसके चलते ही अंडरटेकिंग देने के बावजूद भी इस बिल्डिंग की एक ईंट तक भी नहीं हिली और आज भी वहां कॉमर्शियल अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है। सुत्रों के मुताबिक निगमायुक्त के नाम पर ली गई 25 लाख की रकम किसकी जेब में गई ये तो लेने वाला जाने या देेने वाला, लेकिन जिस तरीके से वहां धड़ल्ले से काम हो रहा है उससे लगता है कि दाल में कुछ काला ही नहीं यहां तो पूरी दाल ही काली है। अगर ऐसा नहीं हैं तो क्यूं नहीं फिर ईमानदार निगमायुक्त ने इन अवैध निर्माणों के खिलाफ वैसी कार्यवाही की जैसे कि गोल्फ क्लब व सूरजकुंड परिसर में बन रहे मैरिज गार्डन, एनआईटी औद्योगिक क्षेत्र के 15,000 गज पर नाम के लिए बने शराब के ठेके पर की।
ये तो उदाहरण मात्र हैं। अगर हम वर्तमान निगमायुक्त के कार्यकाल (गर्ग फोम हाऊस, मित्तल फोम हाऊस, बाटा चौक स्थित सिनेमा आदि ) के साथ-साथ पिछले निगमायुक्त मो.शाईन के कार्यकाल (प्लॉट नं.170, हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी, सैक्टर-10, बाटा चौक स्थित सिनेमा आदि) में तोड़े गए अवैध निर्माणों की बात करें तो शायद ही ऐसा कोई अवैध निर्माण होगा जो पिछले चार-पांच महीने में निगम अधिकारियों की रहमत/आर्शीवाद से पूरा ना हुआ हो। बडख़ल और फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र में ऐसे अवैध निर्माणों की बाढ़ सी आई हुई है।
बताते हैं कि नगर निगम फरीदाबाद में अवैध निर्माण, अवैध होर्डिंग्स, टेक्नीकल वर्क (सड़क निर्माणआदि), सामान की खरीद-फरोख्त वाले परचेज विभाग, सीएलयू संबंधित फाईलें आदि के लिए अलग-अलग अधिकारियों की टीमें अधिकारी विशेष के लिए उगाही का काम करती है जिनका खुलासा मैट्रो प्लस द्वारा अपनी उक्त सीरिज में क्रमवार किया जाएगा। -क्रमश:

नगर निगम के वो कौन से चार अधिकारी हैं जो करते हैं अधिकारी विशेष के लिए उगाही का काम?

किन-किन अवैध निर्माणों को तोडऩे के बाद अधिकारी विशेष की कृपा से मिला पुन: निर्माण का जीवनदान?

NGT के आदेशों का कैसे हो रहा है पालन और कैसे उड़ाई जा रही हैं धज्जियां?

जानने के लिए पढ़ते रहिए, मैट्रो प्लस www.metroplus.online


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