मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 6 जुलाई: मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद में न्यूरोइलेक्ट्रोफिजियोलोजी (मस्तिष्क जांच लैब) यूनिट को और अधिक अत्याधुनिक बनाया गया है। यूनिट का उद्वघाटन अस्पताल के सीनियर कार्डियोलोजिस्ट एवं मैनेजिंग डॉयरेक्टर डॉ० एस.एस. बंसल, स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं डॉयरेक्टर डॉ० सीमा बंसल, डॉ० नीरज जैन सीनियर कार्डियोलोजिस्ट एवं मेडिकल डॉयरेक्टर, सीनियर विशेषज्ञ एवं एच.ओ.डी. मस्तिष्क रोग विभाग डॉ० सुषमा शर्मा एवं मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ डॉ० पांडुरंगा एम.एस. ने किया।
इस मौके पर डॉ० एस.एस. बंसल ने कहा कि हम हमेशा अपने मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवा देने के लिए अस्पताल को अत्याधुनिक एवं नवीनतम तकनीकी संसाधनों से लैस करने की दिशा में अग्रसर है। हमारे पास मस्तिष्क रोग विशेषज्ञों की बेहतरीन टीम है जो मरीजों को प्राथमिक उपचार के साथ ही गंभीर परिस्थितियों में भी बेहतर स्वास्थ्य सेवायें देने के लिए कार्यरत है।
नई न्यूरोइलेक्ट्रोफिजियोलोजी (मस्तिष्क जांच लैब) यूनिट में वीडियो ई.ई.जी.,(वीडियो टेलीमेटरी सुविधा), ई.एम.जी., एन.सी.वी. एवं इवोक पोटेसिंयल जोकि मिर्गी, न्यूरोपैथी, नसों की बीमारियों जैसी अनेको बीमारियों के निदान एवं उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
अस्पताल की सीनियर विशेषज्ञ एवं एच.ओ.डी. मस्तिष्क रोग विभाग डॉ० सुषमा शर्मा ने बताया कि मैट्रो अस्पताल अंतराष्ट्रीय मानकों एवं तकनीक के द्वारा रोगी की पुरानी से पुरानी मस्तिष्क रोग से जुड़ी बीमारियों को पहचान कर उनका निदान करता है। इन बीमारियों में प्रमुखत: लकवा (स्ट्रोक), मिर्गी दौरे, एन्सेफैलोपैथिस (भ्रम की स्थिति), ज्यादा दिन तक आई.सी.यू. में रहने पर रोगियों में मस्तिष्क संबंधी समस्याएं, मस्तिष्क में सूजन, हाथ-पैर में कंपन होना आदि। कुशल विशेषज्ञों, नवीनतम तकनीक, अत्याधुनिक उपकरण एवं 100 बैड युक्त आईसी.यू. हमारे इस मस्तिष्क विभाग को सर्वश्रेष्ठ बनाती है। हम हमेशा अपने मरीजों को सस्ती मेडिकल सुविधायें अंतराष्ट्रीय मानक पर प्रदान करते है। हमारी इस न्यूरोइलेक्ट्रोफिजियोलोजी (मस्तिष्क जांच लैब) यूनिट में कुछ महत्वपूर्ण सुविधायें है जैसे कि –
ई.ई.जी.:-यह एक नॉन-इनवेसिव जांच है जिसका उपयोग मस्तिष्क की इलैक्ट्रीकल प्रक्रिया का पता लगाने और रिकार्ड करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग मिर्गी, मस्तिष्क ट्यूमर और भ्रम की स्थिति जैसे मस्तिष्क विकारों के निदान के लिए किया जाता है। भ्रम की स्थिति के रोगी यदि लंबे समय से बीमार है इसका कारण पता करने के लिए यह बेहद उपयोगी है।
एन.सी.वी: यह उपकरण हमारी मांसपेशियों में इलैक्ट्रीकल वेग मापने और रिकार्ड करने के लिए होता है इससे हमारी नसों में आवेग कितनी तेजी से बढ़ता है और उससे कितनी क्षति पहुंची है का पता चलता है।
ई.एम.जी.: ई.एम.जी. परीक्षण हमारी मांसपेशियों के माध्यम से आगे बढऩे वाले इलैक्ट्रीकल संकेतो को रिकार्ड करता है। यह किसी भी बीमारी की उपस्थिति, स्थान और सीमा को पता लगाने में मदद करता है जिसके कारण हमारी तंत्रिकाओं और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा है।
वीडियो टेलीमेट्री: यह परीक्षण विभिन्न प्रकार के दौरे के उपचार के निदान और योजना बनाने में बेहद उपयोगी होता है।
उपरोक्त उपकरणों के अलावा हमारे पास मस्तिष्क रोगियों के इलाज के लिए सी.टी. स्कैनर, एम.आई.आई और 3डी कैथ लैब भी है जो विभिन्न न्यूरोलॉजिकल विकारों के इलाज और निगरानी में महत्वूपर्ण भूमिका निभागती है।
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