मैट्रो प्लस से जस्प्रीत कौर की रिपोर्ट
उत्तराखंड, 29 जुलाई: ऋषिकेश से 5 किलोमीटर आगे एक झूला है, इस झूले को लक्ष्मण झूले के नाम से जाना जाता है। लेकिन अब ऋषिकेश जाने वाले लोगों के लिए ये एक बहुत बुरी खबर है कि जो लोग ऋषिकेश घुमने जाते थे वे अब लक्ष्मण झूला नहीं जा पाएगें।
आपको बता दे कि लक्ष्मण झूला कमजोर, जर्जर व खतरनाक हो जाने के कारण लक्ष्मण झूले को स्थाई रूप से बंद कर दिया गया है। लेकिन बात यहां भी आती है कि जब प्रशासन को इस बात का पता था कि लक्ष्मण झूला कमजोर व जर्जर हो चूके है तो प्रशासन ने इसको पहले क्यों नहीं बंद करा। क्या प्रशासन कोई बड़ी घटना का इंतजार कर रहा था।
आपको बता दे कि ऋषिकेश का टूरिस्ट प्वाइंट था लक्ष्मण झूला। ऐसा कहा जाता कि हरिद्वार गए और लक्ष्मण झूूला न गए तो यात्रा अधूरी मानी जाती है। लेकिन अब टूरिस्ट के लिए यह खबर बुरी है कि न तो वह वहां जा सकते न ही व कोई अब अपनी फोटो करवा सकते।
आपको बता दे कि लक्ष्मण झूला को पार करते चारों तरफ पूरी तरह मर्किट बस गई है। लक्ष्मण झूला बंद होने से सूनी पड़ जाएगी वहां की गलियां। इसका नुकसान उन व्यपारियों को भी उठाना पढ़ सकता है जोकि वहां 20 व 25 सालों से अपनी दुकान लगाकर वहां बैठे है।
क्या है लक्ष्मण झूले का इतिहास जाने:- कहा जाता है कि गंगा नदी को पार करने के लिए लक्ष्मण ने इस स्थान पर जूट का झूला बनवाया था।
:-लोहे के मजबूत रस्सों, एंगलों, चद्दरों आदि में बंधा व कसा हुआ लक्ष्मण झूला। पुल गंगा के प्रवाह से 70 फुट ऊंचा स्थित है।
:-गंगा नदी के एक किनारे को दूसरे किनारे से जोड़ता लक्ष्मण झूला ऋषिकेश की खास पहचान है।
:-पूर्व में यह झूला लक्ष्मण जी द्वारा निर्मित था। कालान्तर में अर्थात् सन् 1939 ई. में इसे नया स्वरूप दिया गया।
:-450 फीट लंबे लक्ष्मण झूले के समीप ही लक्ष्मण और रघुनाथ मंदिर हैं।
:-लक्ष्मण झूले पर खड़े होकर आसपास के खूूबसूरत नजारों का आनंद लिया जा सकता है।
:-लक्ष्मण झूले पुल पर जब लोग चलते हैं तो यह झूलता हुआ प्रतीत होता है