Metro Plus से Naveen Gupta की स्पेशल रिपोर्ट
फरीदाबाद, 30 अगस्त: शहर के युवा एडवोकेट अंकुर गोंसाई ने एक ऐसे बहुचर्चित गंभीर मामले में अरूण सिंघल नामक युवक को जमानत दिलवाई है जोकि करीब 100 दिनों से कस्टडी में था। हालांकि माननीय कोर्ट ने अभी अभियुक्त को केस से बरी नहीं किया है सिर्फ रेगुलर जमानत दी है, लेकिन लड़की के परिजनों के कोर्ट में जो बयान हुए है उससे लगता है कि प्रीति नामक जिस युवती ने करीब साढ़े तीन महीने पहले 18 मई को अजरौंदा मैट्रो स्टेशन पर मैट्रो ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी थी वो आत्महत्या उसने अपने ससुराल वालों से दहेज के लिए प्रताडि़त करने के चलते नहीं की थी। अंतिम फैसला तो सारे साक्ष्यों के आधार पर माननीय अदालत को ही करना है कि कौन दोषी है और कौन निर्दोष? अब देखना यह है कि माननीय अदालत इस मामले में क्या रूख अपनाती है।
वो बात अलग है कि इस बहुचर्चित सुसाईड/आत्महत्या मामले में प्रीति के पिता राधाकृष्ण गुप्ता जोकि डब्ल्यू जेड-16, साध नगर, पालम कालोनी, नई दिल्ली के रहने वाले हैं, की शिकायत पर मैट्रो पुलिस स्टेशन में सैक्टर-16 निवासी अरूण सिंघल, उनके व्यवसायी पिता विजय सिंघल, अरूण की मां, दो भाईयों पुनीत सिंघल व चिराग सिंघल, बहन शिखा सिंघल तथा चाचा राकेश सिंघल के खिलाफ प्रीति और उसके परिवार से दहेज मांगने, दहेज के लिए प्रताडि़त करने को लेकर आईपीसी की धारा 498ए, 406 व 304बी के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया। एडवोकेट अंकुर गोंसाई ने इस बहुचर्चित मामले में दहेज मांगने और प्रताडि़त करने के लिए लगाई गई आईपीसी की धारा 498ए और 406 को तो चार्ज फ्रेम पर बहस होते समय तथ्यों व पुख्ता सबूतों के आधार पर जोरदार बहस कर हटवा दिया जिसके चलते केस में सिर्फ धारा 304बी ही रह गई। फिलहाल यह केस अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश माननीय कुमुद गुगनानी की कोर्ट में विचाराधीन है।
बकौल विजय सिंघल उनकी बहु प्रीति के परिजनों ने इस सुसाईड का ठीकरा उनके और उनके उपरोक्त परिजनों पर दहेज के लिए बेटी को प्रताडि़त करने का केस बनवाकर फोड़ दिया। हालांकि पुलिस ने केस की जांच पड़ताल में लड़की के सास-ससुर आदि 6 परिजनों को तो अपनी चार्जशीट में खाना नंबर-2 में रखा है लेकिन प्रीति के पति अरूण सिंघल को कस्टडी में ले लिया। इसके बाद अब जब प्रीति के पिता राधाकृष्ण गुप्ता, मां सरोज गुप्ता, भाई अंकित गुप्ता तथा लक्ष्मी नगर दिल्ली निवासी मामा राकेश कुमार गोयल के कोर्ट में हुए बयानों में जब लड़की के परिजनों ने ही कोर्ट में अपने द्वारा लगाए गए दहेज के आरोपों को ही गलत बता दिया तो फिर अब करीब 100 दिन बाद 27 अगस्त को अरूण सिंघल की एडीजे कुमुद गुगनानी की सैशन कोर्ट ने जमानत ली। जिसके बाद ही सारा केस खुलकर सामने आया।
अरूण सिंघल के पिता विजय सिंघल की माने तो उनकी बहु प्रीति फोक्स मंडल जैसी देश की नामी-गिरामी लॉ फर्म में कंपनी सैक्रेटरी कम लॉयर के तौर पर काम करती थी। घर में मिले दस्तावेजों से पता चला कि उनकी बहु प्रीति (27) द्वारा कमाई गई राशि जोकि उसके बैंक खातों में सेविंग और फिक्स डिपोजिट यानि एफडी के तौर पर जमा थी वो रकम प्रीति के मां-बाप राधाकृष्ण गुप्ता और सरोज गुप्ता जोकि डब्ल्यू जेड-16, साध नगर, पालम कालोनी, नई दिल्ली के रहने वाले हैं, ने धीरे-धीरे अपने खातों में ट्रांसफर करवा रखी थी जिसके सबूत अब कोर्ट के पास है।
यहीं नहीं, अरूण के पिता ने कोर्ट में एक ओर खुलासा किया जोकि बेहद चौंकाने वाला था। प्रीति के पिता राधाकृष्ण गुप्ता ने प्रीति के सुसाईड से करीब 15 महीने पहले 29 जनवरी, 2018 को एसबीआई लाईफ इंश्योरेंस कंपनी से 15 लाख की एक पॉलिसी एसबीआई लाईफ स्मार्ट वेल्थ बिल्डर की स्कीम में करवाई थी। बकौल विजय सिंघल इस पॉलिसी में तीन बातें संदिग्ध नजर आई जिनमें पहली तो ये कि जब प्रीति की अरूण से शादी हो चुकी थी तो उसके ससुर राधाकृष्ण गुप्ता ने ये पॉलिसी अपने दिल्ली के पते पर क्यों कराई, दूसरे इस पॉलिसी में उन्होंने अपने आपको प्रीति का नॉमिनी क्यों बनवाया और तीसरा ये कि पॉलिसी के अंदर एक क्लॉज था कि इस पॉलिसी के अंर्तगत यदि पॉलिसीधारक की मौत एक साल के अंदर-अंदर सुसाईड से हो जाएगी तो ये पॉलिसी रद्द मानी जाएगी। जबकि प्रीति ने जो सुसाईड किया था वो इस पॉलिसी के करीब 15 महीने बाद किया था। यानि यहां ऐसे कई सवाल हैं जो इस पॉलिसी को संदिग्ध बना रहे हैं और प्रीति के मायके वालों को संदेह के घेरे में लाते है।
बकौल विजय सिंघल उनके बेटे अरूण की शादी प्रीति से 10 जुलाई, 2016 को हुई थी और फिलहाल उन दोनों का करीब साढ़े पांच महीने का बेटा भी है जिसके होने की खुशी में उन्होंने प्रीति के सुसाईड करने से मात्र दो दिन पहले ही 16 मई को एक होटल में बड़ा फंक्शन भी किया था। इसी से जुड़ा एक और मामला विजय सिंघल ने मैट्रो प्लस से सांझा किया। श्री सिंघल के मुताबिक प्रीति को क्रोनिक पेनक्रेटाईटिस नामक एक बीमारी थी और शादी से पहले भी प्रीति की तीन बार स्टेंटिग भी हो चुकी थी। प्रीति का ईलाज महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल, एम्स तथा गंगाराम अस्पताल में भी सन् 2014 से चल रहा था जिसके बारे में प्रीति के परिजनों ने उन्हें शादी से पहले कुछ नहीं बताया था और इन बातों से अंधेरे में रखकर शादी कर दी गई। और अब स्वयं प्रीति के माता-पिता, भाई व मामा ने अदालत में ब्यान देते वक्त कबूल किया कि प्रीति क्रोनिक पेनक्रेटाईटिस नामक बीमारी से ग्रस्त थी और एंटी डिप्रेशन दवाईयां लगातार लेती थी।