नवीन गुप्ता
चंडीगढ़/फरीदाबाद, 28 अप्रैल: यौन शोषण के आरोपों से घिरे प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एसएन रॉय की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, वो बात अलग है कि करीब दो महीने बीत जाने के बाद भी उनके प्रभाव के चलते एसएन रॉय के खिलाफ पुलिस ने एफआई तक दर्ज नहीं की है। हरियाणा पुलिस के बाद अब चंडीगढ़ पुलिस भी जांच के नाम पर मामले में लीपा-पोती करने में लगी हुई है। इसी के चलते यौन शोषण की शिकार हुई इस महिला ने अब चंडीगढ़ पुलिस द्वारा गठित एसआईटी पर भी पक्षपात करने व रॉय का साथ देने का आरोप लगाया हैं।
ध्यान रहे कि एक तरफ तो केन्द्र व हरियाणा सरकार ‘बेटी बचाओ अभियान पर जोर दे रही है, वहीं दुसरी तरफ शासन-प्रशासन के अधिकारी महिलाओं की अस्मत यानि इज्जत से खेलने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। इन अधिकारियों के यौन शोषण की शिकार हुई महिलाओं की सुनने वाला तक भी कोई नहीं हैं।
ऐसा ही यह ताजा मामला वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एसएन रॉय से जुड़ा हुआ है, जिस पर लगे यौन शोषण के आरोप के बाद हरियाणा सरकार ने इस मामले में एसएन रॉय को लंबी छुट्टी पर तो भेज दिया लेकिन उसके खिलाफ बजाए मुकद्मा दर्ज करने के इस गंभीर मामले में करीब एक महीने तक लीपा-पोती करने के बाद उस मामले को रफा-दफा करने के लिए चंडीगढ़ पुलिस के हवाले कर दिया। बकौल भुक्तभोगी महिला चंडीगढ़ पुलिस भी इस मामले में एसएन रॉय का साथ देते हुए मामले को दबाने में लगी हुई है।
और अब हम बात करें एसएन रॉय द्वारा द्वारा इस महिला के गर्भपात कराने के आरोपों की तो महिला के अनुसार उसका गर्भपात फरीदाबाद के ही एक अस्पताल में करवाया गया है। तो ऐसे में शक की सुई सीधे-सीधे विवादों में रहने वाले फरीदाबाद के एशियन हॉस्पिटल की तरफ घूम रही है जोकि एसएन रॉय के नजदीकी पारिवारिक मित्र एवं सन् 2014 में राष्ट्रपति महोदय के हाथों पद्मश्री से सम्मानित हो चुके डा० एनके पांडे का है।
वहीं दूसरी तरफ हम अपने पाठकों को यह भी बताना चाहेंगे कि एसएन रॉय के दोनों बच्चों जिनमें एक लड़की व एक लड़का शामिल है, की डिलीवरी भी डा० पांडे ने ही करवाई थी जब वे एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद में कार्यरत थे। यहीं नहीं एसएन रॉय को जब भी अपने या अपने परिवार के लिए मेडिकल सुविधा की आवश्यकता होती थी तो उनका इलाज डा० पांडे के सानिध्य में पहले तो एस्कॉर्टस हॉस्पिटल में होता था और उसके बाद एशियन हॉस्पिटल खुलने के बाद उसमें होता रहा है।
इसलिए हमें यह कहने में कोई गुरेज नहीं होगा की यौन शोषण का शिकार हुई महिला का गर्भपात भी एशियन अस्पताल में न हुआ हो। बताया तो यह भी जाता है कि एसएन रॉय सहित हरियाणा के कई आईएएस व आईपीएस अधिकारियों की दो नंबर की मोटी कमाई इस हॉस्पिटल में लगी हुई है जिसके चलते वे इसमें साईलेंट पार्टनर भी है, पर अधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि कोई नहीं कर रहा है।
एशियन हॉस्पिटल में कथित तौर पर हुए उक्त महिला के गर्भपात को लेकर जब डा० एनके पांडे से बात की गई तो उन्होंने यह तो माना कि एसएन रॉय उनके मित्र है, पर एशियन हॉस्पिटल में गर्भपात होने की बात से उन्होंने साफ इंकार कर दिया। रही बात एसएन रॉय के दोनों बच्चों की डिलीवरी डा० पांडे द्वारा एस्कॉर्टस हॉस्पिटल में करवाने की तो इस पर डा० पांडे का कहना था कि चूंकि यह बहुत पुरानी बात है, इसलिए उन्हें यह याद नहीं हैं कि डिलीवरी उन्होंने की या नहीं। पर देखा जाए तो ऐसा हो नहीं सकता कि डा० पांडे को यह ना पता हो कि एसएन रॉय के दोनों बच्चों की डिलीवरी उन्होंने की है या नहीं, उनकी यह बात गले नहीं उतरती।
गर्भपात के इस मामले में चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी टीम के सदस्य एवं एएसपी ईस्ट डा० गुरइकबाल सिंह सिद्दु का कहना था कि जब तक मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती वो कुछ बता नहीं सकते। रही बात फरीदाबाद में गर्भपात कराने की तो महिला द्वारा लगाए गए सभी आरोपों की जांच गहराई से की जा रही है।
गर्भपात एशियन हॉस्पिटल में हुआ है या किसी ओर हॉस्पिटल में या फिर हुआ ही नहीं है, इसका खुलासा तो चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी टीम की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही होगा कि महिला के आरोपों में कहां तक सच्चाई हैं। लेकिन फिलहाल जो स्थिति है उसके अनुसार शक की सुईं अभी तो एशियन अस्पताल की तरफ ही घूम रही है।
वहीं यौन शोषण की शिकार हुई महिला अभी भी न्याय पाने के लिए मुख्यमंत्री, प्रदेश सरकार के अधिकारी, चंडीगढ़ पुलिस के साथ-साथ महामहिम राज्यपाल के चक्कर काट रही है, पर अभी तक उसको न्याय नहीं मिल पा रहा है।
अब देखना यह है कि चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी टीम इस मामले में अपनी क्या रिपोर्ट सौंपती है जिस पर सबकी नजर है।
जो भी हो,जिस प्रकार से प्रदेश की ब्यूरोक्रेट्स पर आए दिन यौन शोषण व बलात्कार के आरोप लग रहे है, उसने प्रदेश के अधिकारीवर्ग को कठघरे में तो लाकर खड़ा कर ही दिया है, इससे सरकार की छवि भी खराब हो रही है।