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हरे-भरे खेतों को उजाड़कर बसाई जा रही है अवैध कालोनी, सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगाने में लगे हैं अवैध कालोनाईजर

अभिनव प्रेस्टीज होम द्वारा शाहपुरा सैक्टर-62 में काटी जा रही है अवैध कालोनी

रजिस्ट्री के लिए दो नंबर में वसूले ला रहे हैं 50 हजार से एक लाख रूपये
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट
शाहपुरा (पृथला) :
चंद कालोनाईजर/बिल्डर अब शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ अब ग्रामीण क्षेत्रों की आबोहवा को भी खराब करने में लगे हुए हैं। पहले नहर पार ग्रेटर फरीदाबाद और अब पृथला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न गावों में ये कालोनाईजर/बिल्डर अवैध कालोनियां काटने में लगे हैं। हरे-भरे खेतों को उजाड़कर उनके बीचोंबीच बसाई जा रही इन अवैध कालोनियों और फैक्ट्रियों के कारण गांवों का वातावरण लगातार प्रदुषित/खराब हो रहा है।
आलम यह है कि कल तक जहां इन खेतों में हरी-भरी फसल लहलहाती थी वहां अब कंकरीट के जंगल तेजी से उगते जा रहे हैं। कभी फैक्ट्री तो कभी मकानों के नाम पर अवैध कालोनी बसाकर गांवों के हरे-भरे खेतों को चंद कालोनाईजरों द्वारा लगातार उजाड़ा जा रहा है।
हालांकि डीटीपी इंस्र्फोसमेंट की टीम समय-समय पर इन अवैध कालोनियों में जेसीबी की सहायता से तोडफ़ोड़ करती रहती है। बावजूद इसके ये कालोनाईजर चोरी-छिपे खेतों के बीचोंबीच अवैध कालोनी काटने में लगे हुए हैं।
पृथला विधानसभा क्षेत्र के अतंर्गत गांव शाहपुरा जिसको कि सैक्टर-62 का नाम दिया जा रहा है, में अभिनव प्रेस्टीज होम नामक फर्म द्वारा खेती की करीब ढाई एकड़ जमीन में हरे-भरे खेतों के बीचोंबीच एक अवैध कालोनी को काटा जा रहा है। इस फर्म के संचालक हैं मर्रौली (पलवल) निवासी धर्मपाल जिन्होंने अपना कार्यालय बल्लभगढ़ में रेलवे रोड़ पर खोला हुआ है। इन्होंने यहां अपना कॉल सैंटर बना रखा है। इस कॉल सैंटर में बैठी लड़कियां लोगों को फोन कर कंपनी के लोक-लुभावने वादे कर अपनी चिकनी चुपड़ी बातों के अपने जाल में फंसाती हैं और फिर उन्हें बल्लभगढ़ के मैट्रो स्टेशन पर बुलाकर उन्हें साईट विजिट कराई जाती है। उक्त फर्म के ही दो कर्मचारी इन लोगों को शाहपुरा जिसे ये लोग सैक्टर-62 बताते हैं, गाड़ी में बिठाकर ले जाते हैं और मौके पर उन्हें खेतों के बीचोंबीच बन/बस रही कालोनी को फ्री होल्ड बताकर उनसे वहां प्लॉट खरीदने को कहते हैं। इन लोगों ने ढाई एकड़ में काटी जा रही उक्त अवैध कालोनी के लिए नक्शा भी बनाया हुआ है जिसमें अलग-अलग साईज की प्लाटिंग की हुई। वो बात अलग है कि ये नक्शा और अवैध कालोनी सरकार द्वारा पास/अप्रुवड नहीं है।
ये लोग यहां प्लॉट/मकान खरीदने वाले को पूरा विश्वास दिलाते हैं कि उनके मकान को इंफोर्समेंट विभाग नहीं तोड़ेगा वहीं ये अवैध कालोनाईजर सस्ते रेटों पर गरीब लोगों को किस्तों में यहां पक्की सड़क, 24 घंटे बिजली, मीठे पानी आदि जैसी मूलभुत सुविधाओं से युक्त अवैध मकान प्लॉट/मकान देने का लालच जहां उनकी जमा पूंजी को लूटने में लगे हुए हैं वहीं सरकार को भी करोड़ों रूपयों के राजस्व का चूना लगा रहे हैं।
यहीं नहीं, बाकायदा यहां नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल यानि एनजीटी के आर्डरों को दरकिनार करते हुए अवैध बोरिंग भी की जा रही है।
वहीं प्लॉट खरीदने के बाद उसकी रजिस्ट्री करने के नाम पर लोगों से 50 हजार से एक लाख रूपये तक ये वसूलते हैं। इस काम में इन अवैध कालोनाईजर की तहसील के अधिकारियों और कर्मचारियों से पूरी सैटिंग होती है।
इस बारे में जब अभिनव प्रेस्टीज होम नामक फर्म के संचालक धर्मपाल से पूछा गया तो उन्होंने माना कि वो अवैध प्लॉटिंग कर उक्त अवैध कालोनी काट रहे हैं। और इसके लिए उन्होंने सरकार से कोई अप्रुवल नहीं हैं और कालोनी अन-अप्रुवड है।
इस बारे में जब हुडा और इनफोर्समेंट विभाग के एक आला अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना था कि किसी भी सूरत में अवैध कालोनी नहीं बसने दी जाएगी और वो एकाध दिन में ही पुलिस फोर्स को लेकर इस अवैध कालोनी के अवैध निर्माण को जेसीबी की सहायता से धाराशायी करवा दिया जाएगा।
अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस अवैध कालोनी के प्रति क्या रूख अपनाता है।


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