मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 17 दिसम्बर: राजस्थान एसोसिएशन द्वारा राजस्थान सेवा सदन में दो-दिवसीय स्पर्श चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इन दो दिनों मे लगभग 400-450 लोगों का पंजीकरण के पश्चात इलाज चंडीगढ़ से पधारे वीरेंद्र शर्मा के हाथों हुआ। बहुत सारे लोग अपनी व्यथा के साथ इस शिविर मे पहुंचे लेकिन वापसी के दौरान उनके चेहरों पर जो मुस्कुराहट थी, वहीं इस शिविर की सफलता को दर्शाता है। सर्वाइकल, स्पोण्डल्यटिस तथा अन्यत्र हड्डियों के रोगों से ग्रस्त लोगों का शिविर मे इलाज किया गया। उन्होंने राजस्थान एसोसिएशन फरीदाबाद के आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं दी। फरीदाबाद मे इस तरह के शिविर का आयोजन प्रथम बार हुआ।
शिविर का उदघाटन बतौर मुख्य अतिथि अजय गौड़, मुख्यमंत्री राजनीतिक सचिव हरियाणा सरकार ने किया। शिविर मे आए कई लोगों ने अपने तत्कालीन ठीक होने पर खुशी जताई। बहुत ज्यादा लोगों का पंजीकरण होने के कारण 16 दिसंबर को होने वाले शिविर की अवधि भी बढ़ायी गयी लेकिन उसके बावजूद कई लोगों को निराश भी लौटना पड़ा।
शिविर के समापन समारोह मे राजस्थान एसोसिएशन के अन्य सदस्यों के साथ वरिष्ठ सदस्य पवन बजाज भी उपस्थित रहे। वीरेंद्र शर्मा ने अपने वक्तव्य मे आयोजकों का फरीदाबाद बुलाने पर धन्यवाद किया।
राजस्थान एसोसिएशन की तरफ से इस कार्यक्रम के संयोजक विमल खंडेलवाल ने बताया कि समय की बाध्यता की वजह से कई लोग शिविर से वंचित भी रहे, लेकिन बहुत लोगों ने आग्रह भी किया की यह शिविर पुन: लगाया जाए जिससे फरीदाबाद शहर के लोगों को लाभ मिल सके। राजस्थान एसोसिएशन के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने आश्वस्त किया कि जल्द ही वीरेंद्र शर्मा की उपलब्धता एवं अनुकूलता के आधार पर एक बार पुन: इस शिविर का आयोजन किया जाएगा।
अध्यक्ष मधु लड्डा ने बताया कि राजस्थान एसोसिएशन बहुत जल्द समाज हित के बहुत सारे कार्यक्रम और करने जा रहा है।
महासचिव संजीव जैन ने यहां पर पधारे सभी लोगों का अभिवादन किया तथा इस तरह के शिविर के माध्यम से फरीदाबाद के लोगों को पुन: लाभ मिले, उसके प्रयास का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यक्रम संयोजक विमल खंडेलवाल, अध्यक्ष मधुसूदन लड्ढा, महासचिव संजीव जैन, कोषाध्यक्ष गुलाब चंद बैद एवं कार्यकारिणी के सदस्य मधुसूदन माटोलिया, रोशन बोरड़, देवेश माहेश्वरी, श्याम कंकानी, नवल मुंधरा, सुरेश राठी, सतीश गुप्ता ने शिविर मे अपने दो दिनों का समय लगाया और शिविर को सफल बनाने मे अहम भूमिका निभाई।