मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 1 फरवरी: खादर के जाट बाहुल्य गांव मोहना के रहने वाले धनेश अद्लक्खा ने जब से राजनीति में कदम रखा है, तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा। शायद यही कारण है कि लोग अब उन्हें दिवंगत मुख्यमंत्री भजनलाल की तर्ज पर राजनीति में पीएचडी का माहिर खिलाड़ी कहने से भी नहीं हिचक रहे हैं। हाल-फिलहाल नगर निगम फरीदाबाद में तीसरी बार के पार्षद और फाईनेंस कमेटी के मेंबर, फिर हरियाणा सरकार में चेयरमैन, उसके बाद हरियाणा फार्मेसी काऊंसिल के वाईस चेयरमैन से चेयरमैन की कुर्सी और अब केन्द्रीय फार्मेसी काऊंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य के रूप में नियुक्ति के बाद धनेश अद्लक्खा राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाने लगे हैं। शायद यही कारण है कि उनके विरोधी भी उनके सामने नतमस्तक हो घुटने टेके नजर आते हैं।
सीधे-सीधे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केन्द्रीय राज्यमंत्री के खास सिपहसलार या कहिए इनके दत्तक पुत्र कहे जाने वाले धनेश अद्लक्खा का केन्द्रीय फार्मेसी काऊंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य बन जाने के बाद तो उनका राजनीतिक कद ओर ज्यादा बढ़ गया है।
काबिलेगौर रहे कि सरकार में हरियाणा फार्मेसी काऊंसिल के चेयरमैन धनेश अद्लक्खा को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन केन्द्रीय फार्मेसी काऊंसिल ऑफ इंडिया का सदस्य नियुक्त किया गया है जिस काऊंसिल से मान्यता प्राप्त पूरे देश भर में लगभग 3200 फार्मेसी कॉलेज हैं जिनमें से अकेले हरियाणा में 182 कॉलेज फार्मेसी के हैं और ज्यादातर प्राईवेट हैं। यहीं नहीं, यही फार्मेसी काऊंसिल ऑफ इंडिया इन कॉलेजों की समय-समय पर जांच कर इनमें सीटें बढ़ाने का निर्णय भी लेती है।
धनेश अदलक्खा की मानें तो बतौर केन्द्रीय फार्मेसी काऊंसिल ऑफ इंडिया मेंबर उनकी प्राथमिकता हरियाणा के प्रत्येक जिले में एक-एक फार्मेसी कॉलेज खुलवाने की रहेगी, ताकि छात्रों को पढ़ाई के लिए इधर-उधर ना भटकना पड़े। धनेश अद्लक्खा का केन्द्रीय फार्मेसी काऊंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य न जाने के बाद इस कार्य में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा, ऐसी उम्मीद लगाई जा रही हैं।
ध्यान रहे कि केन्द्रीय फार्मेसी काऊंसिल ऑफ इंडिया में प्रदेश से दो मेंबर होते हैं जिनमें से एक पद पिछले करीब एक साल से खाली/रिक्त पड़ा था। इस रिक्त पद पर ही अब हरियाणा फार्मेसी काऊंसिल के चेयरमैन धनेश अद्लक्खा को नियुक्ति दी गई है। काऊंसिंल के केन्द्र में हरियाणा से दूसरे मेंबर धनेश के अलावा करनाल के ड्रग कंट्रोल ऑफिसर गुरचरण सिंह हैं।
धनेश अदलक्खा ने छतीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुई केन्द्रीय फार्मेसी काऊंसिल ऑफ इंडिया की एजीएम में हिस्सा लेने से पहले अपना पद ग्रहण किया। धनेश को काऊंसिल के चेयरमैन डॉ. बी.सुरेश ने पद व गोपनीयता की शपथ दिलवाई थी।