Metro Plus News
फरीदाबादराष्ट्रीयहरियाणा

क्या धूम्रपान करने वालों को कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक?

Metro Plus से Jassi Kaur की रिपोर्ट
जयपुर, 1 जून:
प्रदेशभर का युवा वर्ग तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के जाल में फसता जा रहा है, जिससे इनको कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें खासतौर पर युवाओं को तंबाकू इंड्रस्टी के तंबाकू उत्पाद बेचने के लुभावने हथकंडों से बचाने की जरूरत है, जिनको ये आसानी से अपना ग्राहक बना लेते है। वहीं चबाने वाले तंबाकू उपयोगकर्ता कोरोना संक्रमण फैलाने का भी इन दिनों कारण बन रहे है। राज्य में तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों से होने वाले रोगों से प्रतिवर्ष 77 हजार से अधिक लेागों की मौत हेा जाती है और देशभर में 13.5 लाख व विश्वभर में 80 लाख लोगों की जान इससे जाती है। प्रदेशभर में 300 बच्चे और देशभर में 5500 बच्चे प्रतिदिन तंबाकू उत्पादों का सेवन शुरू करते है। धूम्रपान व तंबाकू उत्पादों का सेवन करने वालों में केारोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ता है। वर्ष-2020 में वल्र्ड नो टोबेको डे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ द्वारा युवाओं को तंबाकू इंडस्ट्री के हथकंडे से बचाना और उन्हें तंबाकू और निकोटिन के इस्तेमाल से रोकना की थीम रखी गई है। इस दौरान युवा वर्ग को किसी भी तरह के तम्बाकू का उपयोग करने से हतोत्साहित करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम पर जोर देने पर जोर दिया जायेगा।
इस मौके पर डॉ० पवन सिंघल ने कहा कि तंबाकू का धुआं इनडोर प्रदूषण का बहुत खतरनाक रूप है, क्योंकि इसमें 7000 से अधिक रसायन होते हैं, जिनमें से 69 कैंसर का कारण बनते हैं। तंबाकू का धुआं पांच घंटे तक हवा में रहता है, जो फेफड़ों के कैंसर, सीओपीडी और फेफड़ों के संक्रमण को बढ़ाता है।
धूम्रपान करने वालों को केारोना के संक्रमण खतरा भी अधिक रहता है, क्योकि वह बार-बार सिगरेट व बिड़ी को मुंह में लगाते है। धूम्रपान करने वालों के फैफड़ों की क्षमता भी कम हो जाती है, जिससे कोरोना संक्रमण होने पर मौत की संभावना कई गुणा तक बढ़ जाती है। इसी तरह, छोटे बच्चों को जो घर पर निष्क्रिय धूम्रपान के संपर्क में आते हैं, उन्हें अस्थमा, निमोनिया और ब्रोंकाइटिस, कान में संक्रमण, खांसी और जुकाम के बार-बार होने वाले संक्रमण और बार-बार श्वसन संबधी समस्याएं होती हैं।
इस मौके पर डॉ०सिंघल ने बताया कि स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक वह है जब कोई व्यक्ति सिगरेट का सेवन करता है, तो उसका धुंआ शरीर के अच्छे कोलेस्ट्रॉल को घटा देता है और बुरे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ा देता है। इस कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। वहीं तंबाकू के सेवन से पुरूषों के शुक्राणु और महिलाओं के अंडाणु बनाने की क्षमता कमजोर होती है। वहीं, प्रेगनेंसी के दौरान अगर माता-पिता सिगरेट पीते हैं या तंबाकू का सेवन करते हैं तो इससे बच्चे के दिमाग और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
हर दिन नए कस्टमर की जरूरत:-
देश दुनियां में प्रतिदिन तंबाकू इंडस्ट्री को नए उपभोक्ताओं की जरूरत होती है, जिसके चलते वे तंबाकू उत्पादों को नए रूप रंग में लेकर आते है। ताकि वे युवाओं को सीधे तौर पर आकर्षित कर सकें। पूरी दुनियां में 80 लाख कस्टमर प्रतिवर्ष मर रहे है, इसलिए ये लोग नए कस्टमटर को जेाडऩे के लिए भी इस तरह के हथकंडे अपनाते है।
कोरोना संक्रमण का बढ़ता खतरा:-
चबाने वाले तंबाकू यूजर इन दिनो कोरोना संक्रमण को फैलाने में भी बढ़ावा दे रहे है। तंबाकू चबाने वाला यूजर बार-बार पीक थूकता है। इसी पीक में लंबे समय तक कोरोना का संक्रमण रहता है। सरकार के द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।
राजस्थान एक नजर:-
डा० सिंघल ने बताया कि ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे-2017 के अनुसार राजस्थान में वर्तमान में 24.7 प्रतिशत लोग 5 में से 2 पुरूष, 10 में से 1 महिला यूजर किसी न किसी रूप में तंबाकू उत्पादों का उपभोग करते है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के सार्थक प्रयासों से तंबाकू नियंत्रण में हो रहे कार्यों से युवाओं में इनके सेवन की औसत उम्र अब 18 वर्ष है, जोकि 2009-10 में 17 वर्ष थी। जिसमें 13.2 प्रतिशत लोग धूम्रपान के रूप में तंबाकू का सेवन करते है, जिसमें 22.0 प्रतिशत पुरूष, 3.7 प्रतिशत महिलांए शामिल है। यहां पर 14.1 प्रतिशत लोग चबाने वाले तंबाकू उत्पादों का प्रयोग करते हुए है, जिसमें 22.0 प्रतिशत पुरूष व 5.8 प्रतिशत महिलाएं है। इसके साथ ही सबसे अधिक प्रदेश में 38.8 प्रतिशत लोग घरों में सेकंड हैंड स्मोक का शिकार होते है।
भारत की स्थिति:-
डॉ० सिंघल ने बताया कि ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे-2017 के अनुसार, भारत में 15 वर्ष से अधिक उम्र के युवा वर्तमान में किसी न किसी रूप में तंबाकू का उपयोग करते हैं ऐसे वयस्कों की संख्या 28.6 प्रतिशत 27 करोड़ है।
इसके साथ बच्चों व युवाओं को तंबाकू की पहुंच से दूर रखने के लिए तंबाकू निंयत्रण अधिनियम-2003 तथा किशोर न्याय अधिनियम की धारा-77 की प्रभावी अनुपालना कराने की जरूरत है। सिगरेट की खुली बिक्री पर प्रतिबंध है लेकिन इसकी भी पालना नही हो पा रही है। खुली सिगरेट खरीदना युवाओं के लिए सुगम है, इसलिए खुली सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध को प्रभावी बनाए जाने की जरूरत है।


Related posts

युवा उद्योगपति जैन बंधुओं ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से की शिष्टाचार भेंट।

Metro Plus

मेरा पानी-मेरी विरासत योजना का लाभ उठाने के लिए किसान करवाएं पंजीकरण: उपायुक्त

Metro Plus

रामलीला हमारी संस्कृति की पहचान है इससे हमें एक सीख मिलती है: सीमा त्रिखा

Metro Plus