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शराब तस्कर से शराब ठेकेदार बने माफिया, पुलिस पर लगाए आरोप निराधार ?, पढ़ें क्या है मामला।

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
बल्लभगढ़, 15 जुलाई
: जिस तरह से अपराधिक किस्म के लोग राजनीति में घुसकर सफेदपोश नेता बनने लगे हैं, वैसे ही पिछले कुछ समय से शराब तस्करी करने वाले लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से शराब ठेकेदार बन शराब ठेकों की आड़ में शराब तस्करी करने में लगे हैं।
फरीदाबाद जिले में आजकल ऐसे ही चंद शराब माफियाओं ने कुछ ज्यादा ही आतंक मचाया हुआ है। आलम यह है कि कल तो जो लोग शराब तस्करी करते थे उनमें से ज्यादातर अब शराब ठेकेदार बन बैठे हैं। शराब ठेकों की आड़ में ये लोग शराब तस्करी भी करते हैं और समय-सीमा के बाद भी शराब के ठेकों पर से शराब बेचते हैं। और जब पुलिस इन पर अंकुश लगाने के लिए इनकी धरपकड़ करती है तो ये शराब ठेकेदार रूपी शराब तस्कर पुलिस पर ही मंथली मांगने के आरोप लगाकर उनकी शिकायत कर देते हैं ताकि वो उनसे डर कर उनके खिलाफ कोई कार्यवाही ना करें।
ऐसा ही एक मामला गत् दिनों बल्लभगढ़ में देखने को मिला जहां एक शराब ठेकेदार ने एक एसएचओ पर एक लाख रूपये की मंथली मांगने के आरोप लगा दिया और इसकी शिकायत पुलिस कमिश्रर सहित शासन-प्रशासन में संबंधित जगह कर दी। जबकि शराब ठेकेदार गौरव और उसके साथी गिरीश द्वारा एक लाख रूपये की मंथली मांगने के आरोपों को एसएचओ ने निराधार और बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि गौरव, गिरीश आदि तीन लोग पुलिस के मुलजिम हैं जिनके खिलाफ उनके थाने में मुकदमा भी दर्ज है। इसलिए वो सरकारी कार्यवाही से बचने के लिए उन पर ये गलत/झुठे आरोप लगा रहे हैं।
एसएचओ का तो यहां तक कहना था कि जिस गिरीश नामक व्यक्ति ने उनके ऊपर इस तरह के मंथली मांगने का आरोप लगाया है, उसको तो वो ना जानते हैं, ना पहचानते हैं। यहीं नहीं, उन्होंने तो थाने की पिछले एक महीने की सीसीटीवी फुटेज भी निकलवा कर रिकार्ड में रख ली है ताकि सारी स्थिति स्पष्ट हो सके।
वहीं एसएचओ का यह भी कहना था कि ना तो वो उनके शराब के ठेके में घूसे और ना ही उनके मुलाजिम। उनके मुलाजिमों ने मोहना रोड़ पर ऊंचा गांव चुंगी पर स्थित शराब के ठेके के बाहर से शराब की गाड़ी मुखबरी के बाद पकड़ी थी जिसको लेकर मुकदमा दर्ज है और ड्राईवर की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिसको लेकर उनके ऊपर आरोप लगाया जा रहा है कि शराब ठेके की चैकिंग डीसीपी स्तर का अधिकारी कर सकता है एक्साईज विभाग के अधिकारी के साथ।
कुल मिलाकर जहां एसएचओ ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को झुठला दिया है, वहीं जिस तरह से फरीदाबाद जिले में शराब ठेकेदारों की आड़ में शराब तस्कर और माफिया पनप रहे हैं, उन पर पुलिस प्रशासन को कड़ा रूख अपनाने की जरूरत है।
अब देखते हैं कि पुलिस प्रशासन शराब तस्कर से शराब ठेकेदार बने ऐसे माफियाओं के खिलाफ क्या कार्यवाही करता है। वैसे तो पुलिस कमिश्रर ओपी सिंह ने जिले के सभी डीसीपी, एसीपी, एसएचओ, चौकी इंचार्जों और क्राईम ब्रांच को जिले में अपराधिक वारदातें करने वाले लोगों की लिस्ट बनाकर उनकी धरपकड़ करने के आदेश दे दिए हैं जिससे अपराधियों में भय बना हुआ है।


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