Metro Plus News
उद्योग जगतफरीदाबादहरियाणा

मल्होत्रा ने कहा, उद्योगोंं में 75 प्रतिशत आरक्षण से नाकारात्मक प्रभाव पड़ेगा!

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 16 जुलाई:
हरियाणा सरकार द्वारा नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण वास्तव में अव्यावहारिक होने के साथ-साथ उद्योगों के संचालन में एक बहुत बड़ी बाधा लाने वाला निर्णय सिद्ध होगा। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह इस निर्णय पर पुनर्विचार करे। डीएलएफ इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रधान जे.पी मल्होत्रा ने कैबिनेट द्वारा नौकरियों में आरक्षण संंबंधी निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहा है कि यह निर्णय किसी भी दृष्टि से औद्योगिक विकास में सहायक नहीं है और इससे उद्योगों पर नाकारात्मक प्रभाव पडऩे तय हैं।
श्री मल्होत्रा के अनुसार इसके साथ ही उद्योगों पर जुर्माने के प्रावधान वास्तव में चिंताजनक हैं जिससे असुरक्षा की भावना बढ़ेगी। श्री मल्होत्रा के अनुसार 75 प्रतिशत आरक्षण काफी अधिक है और इससे रोजगार में मदद मिलने की बजाय रोजगार कम हो सकता है क्योंकि औद्योगिक निवेश पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे तथा उद्योग दूसरी जगह भी स्थानातरित हो सकते हैंं।
इस संबंध में सांसद कृष्णपाल गुर्जर और उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को भेजे गए एक रिप्रेजैन्टेशन में कहा गया है कि हरियाणा डोमीसाईल संबंधी जो शर्त लगाई गई है वह इसलिए भी व्यावहारिक है क्योंकि दूसरे राज्यों के कई श्रमिक वर्षों से यहां हैं परंतु उनके पास डोमीसाईल नहीं है।
एसोसिएशन के महासचिव श्री विजय आर राघवन के अनुसार हरियाणा का एक भी गांव गरीब नहीं है और यहां लोगों के पास संपंत्ति व कृषि भूमि है और लोग मेहनत कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। यही नहीं हरियाणा में प्रति व्यक्ति आय का स्तर पर काफी ऊंचा है जबकि वेतन की दरें काफी कम हैं।
एसोसिएशन के उप-प्रधान एस.के बत्तरा के अनुसार यदि आरक्षण को मान भी लिया जाए तो वर्तमान मेें हो रही आमदनी से कम वेतन पर हरियाणावासी काम करने को तैयार नहीं होंगे जिससे समस्याएं और अधिक बढ़ेंगी। कहा गया है कि इस पूरी प्रक्रिया में औद्योगिक विकास बुरी तरह से प्रभावित होगा और समस्याएं बढ़ेंगी जिन पर ध्यान दिया जाना जरूरी है।
श्री मल्होत्रा के अनुसार वर्तमान परिवेश में यदि किसी उद्योग में स्थान है और कोई आवेदक इसके अप्लाई करता है तो उसकी स्किल्ड योग्यता को देखा जाता है और इस तथ्य पर ध्यान नहीं दिया जाता कि वह कौन से राज्य से संबंधित है। श्री मल्होत्रा के अनुसार आवश्यकता इस बात की है कि हरियाणा के युवा वर्ग को प्रशिक्षित किया जाए ताकि वह दूसरे राज्यों के प्रशिक्षित व्यक्तियों से और अधिक बेहतर प्रदर्शन कर सके। इसके लिए स्किल डेवलपमैंट सैंटर बनाए जाने आवश्यक हैं।
एसोसिएशन की कार्यकारिणी के सदस्य एम.पी रूंगटा व ललित भूमला के अनुसार इस संबंध में सरकार व प्रशासन के साथ विचार विमर्श किया जा सकता है और वास्तुस्थिति से उन्हें परिचित करया जा सकता है।
सरदार मनप्रीत सिंह के अनुसार ईज ऑफ डुईंग बिजनेस के क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो प्रयास कर रहे हैं, आरक्षण संबंधी यह प्रावधान उन प्रयासों को प्रभावित करेंगे।
सुश्री प्रियता राघवन के अनुसार निजी क्षेत्र में श्रमिकों की नियुक्ति उनकी योग्यता के आधार पर होती है और इसी योग्यता से वेतन इत्यादि दिया जाता है। कहा गया है कि जब हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कड़ी स्पर्धा के लिए अपने उद्योगों को तैयार करने की बात करते हैं और आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाए जा रहे हैं, ऐेसे में आरक्षण संबंधी आदेश अव्यावहारिक हैं।
एसोसिएशन ने हरियाणा सरकार से आग्रह किया है कि वे इस मुद्दे पर स्टेक होल्डर्स के साथ विशेष वार्ता बैठक का आयोजन करे और कोई भी निर्णय लेने से पूर्व उसके व्यावहारिक पक्ष को समझा जाए। यही नहीं श्री मल्होत्रा के अनुसार एमएसएमई सैक्टर का विश्वास बढ़ाने के लिए सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिएं जिससे उद्योग जगत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर सके।


Related posts

सरस्वती शिशु सदन के छात्रों ने प्रथम स्थान हासिल किया

Metro Plus

एडवांस्ड एजूकेशनल इंस्टीट्यूशंस में ऐवेन्स-2015 उत्सव का भव्य आयोजन

Metro Plus

नरेन्द्र गुप्ता को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन लोगों का मिला खुला समर्थन

Metro Plus