मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
फ़रीदाबाद, 19 जुलाई: फरीदाबाद IMT इन्डस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने हरियाणवी युवाओं को 75% आरक्षण देने के मुद्दे पर केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और विधायक एवं चेयरमैन नयनपाल रावत को ज्ञापन सौंपा।
इस अवसर पर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट वीरभान शर्मा ने कहा कि हम सभी लोग अपने राज्य का विकास चाहते हैं तथा जहाँ तक हो सकता है अपने लोकल कर्मचारियो को रखते हैं। लेकिन अगर इस तरह का कानून बनता है तो इन्डस्ट्रीज को बहुत दिक्कतें आ सकती हैं। दो साल से ईंडस्ट्रीज में मंदी चल रहीं थी, ऊपर से कोरोना महामारी ने घेर लिया। अभी इंडस्ट्रीज ढंग से दोबारा चल भी नहीं पाई कि इस तरह के कानून कीं बात चल रही है।इससे राज्य में नए उद्योग आने से पहले सोचेंगे तथा चल रहे उद्योगों को भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा ।
हमारा राज्य कुछ स्टेट्स की बजाए संपन्न है तथा हर काम के लिए एम्पलाईज मिलना मुश्किल होता है, खासकर ढलाई, कास्टिंग, डाईंग इत्यादि में हमारे यहाँ के लोग काम करने में कम इच्छुक होते हैं।
सरकार इसमें तिमाही रिटर्न, सक्षम एम्पलाई ना मिलने पर बड़े अधिकारीयों से परमीशन, तथा गलती पाए जाने पर पांच हज़ार से पांच लाख तक की पेनाल्टी एवं देरी होने पर रोजाना के दंड जैसे कड़े प्रावधान रखने पर विचार कर रही है।
इसलिए IMT एसोसिएशन ने सरकार से गुजारिश की है कि इस तरह का कोई भी सख्त कानून लाने से पहले ओद्योगिक संगठनों से सलाह मशविरा जरूर करें ताकि इसका दुरुपयोग ना हो सके।
इस तरह के कानून से इंपैक्टर राज को बढ़ावा ही नहीं मिलेगा बल्कि अन्य दुरूपयोग भी होंगे। साथ इस तरह की कंडीशन्स को देखकर नये उद्योग आने से पहले सोंचेंगे। तथा जो लोग हरियाणा में इंडस्ट्रीज लगाने का मन बना चुके हैं वे भी पुनर्विचार करेंगे।
प्रधान वीरभान शर्मा का कहना था कि हमारे यहां स्किल्ड मैनपावर की कमी के कारण उद्योगों की प्रोडक्टीविटी बेहद प्रभावित होगी। सरकार को चाहिए कि हर इन्डस्ट्रीयल सैक्टर मे एक-एक स्किल डवलपमेंट सेंटर खोले जिससे राज्य के ज्यादा से ज्यादा स्किल्ड कर्मचारी तैयार हो सकें। सरकार इन्ही इंडस्ट्रीज पर सख्त कानून लगाने की बजाए ज्यादा से ज्यादा नई इंडस्ट्रीज लगाने का माहौल तैयार करे, ज्यादा इंडस्ट्रीज होगी तो हमारे यहाँ के लोगों को उनकी पसंद का रोजगार भी मिल जाएगा तथा अन्य काम हमेशा की तरह हमारे देश के दूसरे राज्यों के कर्मचारी भी रोजगार पाते रहेंगे एवं बेरोजगारी अपने आप समाप्त हो जाएगी ।
सरकार इसे कानून का रूप ना दे कर मोटीवेशनल प्रोग्राम चलाए, जैसे हरियाणा के नागरिकों को नौकरी पर रखने वाले उद्योगों को इन्डस्ट्री साईड के EPF का भुगतान अथवा 10% का इन्सैंटिव इत्यादि।