मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
चंडीगढ़, 27 अगस्त: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान मार्च माह से ही बंद पड़े प्रदेश के निजी स्कूलों में बच्चों की ऑनलाइन कक्षा संचालन के हरियाणा स्कूली शिक्षा निदेशालय ने कोई आदेश नहीं दिए हैं। यह हम नहीं कह रहे बल्कि खुद शिक्षा निदेशालय ने एक आरटीआई में खुलासा किया है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने इस संबंध में हरियाणा स्कूली शिक्षा निदेशालय से 29 जून को आरटीआई में सूचना मांगी थी।
बृजपाल सिंह ने शिक्षा निदेशालय से आरटीआई के जरिए कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से बंद पड़े निजी स्कूलों में ऑनलाइन कक्षा संचालन संबंधी आदेशों की जानकारी मांगी थी। यह भी पूछा गया था कि ऑनलाइन कक्षा संचालन में बच्चों पर मानसिक और शारीरिक दबाव बढ़ेगा, इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य या राज्य स्वास्थ्य विभाग से भी क्या कोई अनुमति ली गई है।
हरियाणा स्कूली शिक्षा निदेशालय ने आरटीआई में मांगी सूचनाओं का जवाब देते हुए कहा है कि निजी स्कूलों में ऑनलाइन कक्षा संचालन का कोई आदेश नहीं दिया गया है जबकि हेल्थ विभाग से भी ऐसी कोई अनुमति नहीं ली गई है।
बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि निजी स्कूल लगातार कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से बंद चल रहे निजी स्कूलों में बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर अभिभावकों से ट्यूशन फीस सहित अन्य शुल्क जमा कराने का नाजायज दबाव बनाया जा रहा है। जबकि शिक्षा निदेशालय ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया हुआ है।
बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि हरियाणा शिक्षा नियमावली 2003 व अन्य हरियाणा एजुकेशन रूल के अनुसार कोई भी निजी स्कूल शिक्षा नियमावली के विरुद्ध इस तरह के कोई भी नियम या शर्तें बच्चों व अभिभावकों पर नहीं थोप सकता है। ऑनलाइन कक्षा संचालन के नाम पर प्रदेशभर के करीब 8600 निजी स्कूल लाखों बच्चों की ऑनलाइन कक्षाओं का खेल चल रहा है, ये केवल बच्चों से फीस व अन्य शुल्क वसूली का फंडा है। जबकि ऑनलाइन या मोबाइल फोन पर लगातार कई घंटों तक बच्चों की पढ़ाई कराए जाने से उन पर मानसिक व शारीरिक बुरा प्रभाव पड़ रहा है।