Metro Plus से jassi kaur की रिपोर्ट
Faridabad News, 21 अक्टूबर: कोरोना महामारी के मद्देनजर वित्तीय कठिनाई का सामना कर रहे विद्यार्थियों को जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने ट्यूशन फीस पर 100 प्रतिशत तक की वित्तीय सहायता प्रदान की है जोकि सरकारी क्षेत्र के किसी भी विश्वविद्यालय द्वारा की गई अपनी तरह की पहली पहल है। इस वर्ष अगस्त में विश्वविद्यालय द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए जारी की गई नीति के अंतर्गत कुल 153 विद्यार्थी वित्तीय लाभ उठा चुके है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए कुलपति प्रो० दिनेश कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के समक्ष आ रही कठिनाइयों को देखते हुए विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों को वित्तीय राहत प्रदान करने के लिए एक नीति बनाने की पहल की थी। इस नीति को ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाने के उद्वेश्य लागू किया गया था और अब तक नीति के अंतर्गत कुल 15 लाख रूपये से अधिक का वित्तीय लाभ विद्यार्थियों को दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इस राशि को विश्वविद्यालय तथा एल्युमनाई एसोसिएशन मॉब के द्वारा संयुक्त रूप से वहन किया गया।
नीति के तहत विश्वविद्यालय द्वारा विद्याथियों से दावे आमंत्रित किए गए थे तथा प्रत्येक मामले पर अलग से विचार किया गया। इस प्रकार विद्यार्थियों ने मौजूदा शैक्षणिक सत्र के वर्तमान सेमेस्टर में अपनी ट्यूशन फीस में 25 से 100 प्रतिशत तक का वित्तीय लाभ उठाया। उन्होंने कहा कि ट्यूशन फीस में शत-प्रतिशत वित्तीय सहायक केवल ऐसे विद्यार्थियों को प्रदान की गई है, जिनकी वित्तीय स्थिति विश्वविद्यालय द्वारा गठित संवीक्षा समिति की जांच में अत्यंत विकट पाई गई।
इस मौके पर डीन विद्यार्थी कल्याण प्रो० लखविंद्र सिंह ने कहा कि नीति के तहत वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों को संबंधित विभागाध्यक्ष के माध्यम से आवेदन करने के लिए कहा गया था। इसके उपरांत डीन विद्यार्थी कल्याण कार्यालय को संबंधित विभागाध्यक्षों की सिफारिशों के साथ मिले विद्यार्थियों के दावे को संवीक्ष समिति, जिसमें डीन विद्यार्थी कल्याण, डीन अकादमिक मामले, वित्त नियंत्रक, संबंधित विभागाध्यक्ष, मॉब प्रतिनिधि तथा कुलपति द्वारा नामित सदस्य शामिल रहे। ने विद्यार्थियों के प्रत्येक दावे की जांच की और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
समिति की रिपोर्ट के आधार पर विश्वविद्यालय के विभिन्न शिक्षण विभागों में यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों में पड़ रहे 153 विद्यार्थियों नेे वित्तीय लाभ उठाया। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को ऑनलाइन कक्षाओं में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्वेश्य से विश्वविद्यालय द्वारा इंटरनेट डेटा शुल्क के लिए भी विद्यार्थियों को 447 रूपये की छूट दी जा रही है।
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