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मल्होत्रा ने कहा, गुणवत्ता से समझौता किए बिना हमें न्यूनतम दरों के सिद्धांत को अपनाना होगा।

Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट
Faridabad News,19 दिसम्बर:
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आगामी बजट में नेशनल मैन्यूफैक्चरिंग कम्पीटीटिवनैस प्रोग्राम को आगामी दस वर्षों के लिए पुन: स्थापित करने की मांग की है।
एसोसिएशन के प्रधान जेपी मल्होत्रा के अनुसार भारतीय उद्योगों का भविष्य स्मार्ट मैन्यूफैक्चरिंग पर टिका है और यदि हमें आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाने हैं तो प्रतिस्पर्धा में उत्पादन की लागत पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना जरूरी है। श्री मल्होत्रा के अनुसार एमएसएमई सैक्टर को अपनी लागत में कटौती करनी होगी और गुणवत्ता से समझौता किए बिना न्यूनतम दरों के सिद्धांत को अपनाना होगा। श्री मल्होत्रा का मानना है कि नए परिवेश में मैन्यूफैक्चरिंग लागत कम करना और इसके लिए आटोमेशन व आईटी सैक्टर का समावेश करना जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा है कि एमएसएमई सैक्टर को अभी आधुनिक तकनीक के साथ सामंजस्य लाने में समय लगेगा, ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह अपने प्रोग्राम को दस वर्ष के लिए और बढ़ाए।
श्री मल्होत्रा के अनुसार पारंपरिक प्रक्रिया में मैन्यूफैक्चरिंग सैक्टर में आईटी तकनीक का समावेश करने के लिए बृहत निवेश साईकिल की आवश्यकता है और हमें इस संबंध में स्थितियों के अनुरूप प्रोजैक्ट तथा नीतियों पर ध्यान देना होगा। एमएसएमई सैक्टर की कार्यप्रणाली में सुधार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री मल्होत्रा ने बताया कि 2005 में नेशनल मैन्यूफैक्वचरिंग कम्पीटीटिवनैस प्रोग्राम को आरंभ किया गया था जिसका उद्वेश्य स्माल व मीडियम एंटरप्राइजेज को स्पर्धा के लिए तैयार करना था। यह प्रोग्राम 10 मुख्य कम्पोनैंटस जिनमें लीन मैन्यूफैक्चरिंग, आईसीटी, टैक्रोलॉजी अपग्रेशन, क्यूएमएस बार कोड, मिनी टूल रूम इत्यादि पर आधारित था। प्रोग्राम का उद्वेश्य एमएसएमई सैक्टर की प्रोसैसिंग, डिजाईनिंग, तकनीक और मार्किट असैट को बेहतर बनाना था। प्रोग्राम को 10 वर्ष के लिए बनाया गया और इससे एमएसएमई सैक्टर को काफी लाभ भी मिला। श्री मल्होत्रा के अनुसार इस प्रोग्राम के तहत मैन्यूफैक्चरिंग सैक्टर की कास्ट 10 से 25 फीसदी तक कम हुई जोकि अपने आप में एक रिकार्ड है।
श्री मल्होत्रा ने पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री से भी आग्रह किया है कि वह इस संबंध में भारत सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए प्रोग्राम को पुन: स्थापित करने का प्रयास करे। श्री मल्होत्रा के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत के तहत देश के एमएसएमई सैक्टर को प्रोत्साहन देने की जो नीति तैयार की गई है उसमें यह प्रोग्राम काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि इस संबंध में सरकार शीघ्र साकारात्मक निर्णय लेगी और इससे एमएसएमई सैक्टर्स को लाभ मिलेगा।


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