मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 7 जनवरी: नगर निगम फरीदाबाद में अब भ्रष्ट्र अधिकारियों की खैर नहीं हैं, या तो वे अपना रवैया बदल लें वरना उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। और ना ही निगम में किसी भी प्रकार के भ्रष्ट्राचार को बर्दाश्त किया जाएगा और ना ही अवैध निर्माण व कब्जे होने दिए जाएंगे।डिफाल्टरों से टैक्सों की वसूली के लिए जहां कड़े कदम उठाए जाएंगे वहीं आमजन से टैक्स वसूली/रिकवरी के लिए अभियान को पहले से ओर तेज किया जाएगा। इसके लिए सरकार की जो टैक्स में छूट की जो पॉलिसी है, उससे भ्लोगों को जागरूक किया जाएगा। जिला उपायुक्त (2011 बैच) यशपाल यादव ने आज निगमायुक्त के तौर पर नगर निगम का चार्ज लेने के बाद मैट्रो प्लस से विशेष बातचीत में उक्त बातें कहीं। नगर निगम का चार्ज लेने के बाद यशपाल यादव ने संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाकर उन्हें इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
ध्यान रहे कि कल बुधवार को निगमायुक्त डॉ. यश गर्ग का नगर निगम फरीदाबाद से तबादला कर जहां उन्हें गुरूग्राम के जिला उपायुक्त की जिम्मेदारी सौंपी गई थी वहीं यशपाल यादव को नगर निगम फरीदाबाद का अतिरिक्त चार्ज दिया गया था।
इसके अलावा बतौर निगमायुक्त यशपाल यादव ने बताया कि वे निगम अधिकारियों और पार्षदों से तालमेल रख निगम के कार्यो को जहां सुचारू रूप से चलाने का काम करेंगे, वहीं प्रोपर्टी टैक्स/हाऊस टैक्स के ऑनलाईन होने के बाद अब निगम के अंर्तगत सीवर-पानी को भी जल्द ऑनलाईन करने का काम करेंगे जो प्रक्रिया फिलहाल चल भी रही है। संभवत: सीवर-पानी शायद इसी महीने ऑनलाईन हो भी जाए। जेडटीओ हेडक्वार्टर रतनलाल रोहिल्ला इस काम में काफी समय से लगे भी हुए हैं।
काबिलेगौर रहे कि यशपाल यादव को नगर निगम का एक अच्छा खासा अनुभव है, क्योंकि वो पलवल और फरीदाबाद जिले से के उपायुक्त से पहले नगर निगम गुरूग्राम के कमिश्रर/निगमायुक्त रहते हुए अपनी कार्यकुशलता का परिचय दे चुके हैं। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि यशपाल यादव जिला उपायुक्त के साथ-साथ निगमायुक्त के तौर पर भी शहर के लोगों को उनकी मूलभुत समस्याओं से निजात दिलाने का काम करेंगे।
ध्यान रहे कि फरीदाबाद के जिला उपायुक्त एवं निगमायुक्त (2011 बैच) यशपाल यादव एक स्वच्छ छवि के आईएएस अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं।
अब यह देखना होगा कि निगमायुक्त का भी अतिरिक्त चार्ज लेने के बाद यशपाल यादव नगर निगम के भ्रष्ट्र अधिकारियों पर शिकजा कसते हुए कैसे निगम की छवि को सुधारने का कार्य करते हैं।