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लूट व धांधली का अड्डा बने हरियाणा कर्मचारी चयन बोर्ड को बर्खास्त कर चेयरमैन व सदस्यों के खिलाफ दर्ज हो FIR: सुरजेवाला

पेपर लीक मामले की हाईकोर्ट के दो सिटिंग जजों का स्पेशल ज्यूडिशियल कमीशन बनाकर हो जांच
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
चंडीगढ़, 17 जनवरी:
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि ग्राम सचिव भर्ती परीक्षा रद्द करके भाजपा-जजपा सरकार ने हेराफेरी स्वीकार कर ली है, ऐसे में लूट और धांधली का अड्डा बने हरियाणा कर्मचारी चयन बोर्ड को बर्खास्त कर चेयरमैन व सदस्यों के खिलाफ FIR होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री से सीधा जवाब मांगते हुए सुरजेवाला ने कहा कि अभी तक पेपर लीक के सभी मामलों की जांच हाईकोर्ट के दो सिटिंग जजों का स्पेशल ज्यूडिशियल कमीशन बनाकर तीन महीनों के अंदर होनी चाहिए ताकि असली दोषियों को सजा मिल सके और भाजपा-जजपा सरकार का संरक्षण प्राप्त पेपर लीक माफिया और उनको सरंक्षण देने वाले सभी चेहरे जनता के सामने बेनकाब हो सकें। ग्राम सचिव के पेपर को पास करने के लिए 10 लाख से ज्यादा युवाओं ने अपना भविष्य बनाने के लिए जी-तोड़ मेहनत करके 9 व 10 जनवरी को परीक्षा दी थी। इस भर्ती में युवाओं ने अपना कीमती समय और धन खर्च किया, सरकार को अपनी नाकामी के लिए हर परीक्षार्थी युवा को पांच हजार रुपये का नकद मुआवजा भी देना चाहिए।
ग्राम सचिव का पेपर रद्द होने का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश की खट्टर-दुष्यंत सरकार को युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने की आदत पड़ गई है। यह पूरा प्रकरण प्रदेश के लाखों युवाओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि पिछले 6 वर्षों में लगभग तीन दर्जन पेपर लीक हो चुके हैं। हर बार पहले तो पेपर लीक मामलों को दबाने के प्रयास किए जाते हैं, जब यह मामले सुर्खियों में आते हैं तो सरकार द्वारा जांच के नाम पर दिखावा किया जाता है। बाद में इन मामलों की जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। हरियाणा प्रदेश की बेरोजगारी दर इस भाजपा-जजपा सरकार की विफलताओं के कारण पहले ही पूरे देश में सर्वाधिक पहुँच चुकी है।
सुरजेवाला ने कहा कि इस सरकार में पेपर लीक होना और उनकी कलई खुलने पर रद्द होना एक आम बात हो गई है। इस सरकार ने नौकरियों में निष्पक्षता का जो ढोल पीटा था, उसका भंडाफोड़ बार-बार हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को न्याय दिलाने के लिए यह बेहद जरूरी है कि इन पेपर लीक मामलों की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।


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