देखो, लॉकडाऊन से कैसे तोड़ी जा सकती है कोरोना की चेन!
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 26 अप्रैल: जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना केसों को देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट डॉ. गरिमा मित्तल ने बेशक तीन माइक्रो/मेक्रो कंटेनेटमेंट जोन में आज से दो मई तक लॉकडाऊन लगा दिया है, लेकिन इस लॉकडाऊन में जिस प्रकार ग्रोसरी स्टोर, राशन की दुकानें, दूध-दही-पनीर कर दुकानों, मेडिकल स्टोर आदि जरूरी सेवाओं को छूट दी गई है, जिससे शहर के ज्यादातर लोग खुश नहीं हैं। कारण, उक्त प्रकार की दुकानों के खुलने से कोरोना संक्रमण की चेन को नहीं तोड़ा जा सकता। इन लोगों का मानना है कि जब लॉकडाऊन लग ही रहा है तो पूरी तरह लगे ताकि कोरोना की चेन को मजबूती से तोड़ा जा सके।
ऐसे लोगों का कहना है कि कुछ लोगों ने तो पुलिस प्रशासन को धोखा देने के लिए अपनी दुकानों के आगे दो-चार दूध-दही के क्रेट रख लिए हैं तो कुछेक ने दूध-दही यहां मिलता है, जैसे प्रिंट कागज पर निकलवा कर अपनी-अपनी दुकानों के आगे चिपका दिए हैं ताकि उसकी आड़ में वे लोग अपनी दुकान खोलकर दूसरा सामान भी बेच सकें।
यही नहीं, कुछेक दुकानदार तो धारा 144 लगे होने के बावजूद भी अपनी-अपनी दुकानों के आगे अपने कारिंदों के साथ बैठे रहते हैं और ग्राहक आते ही तुरंत शटर उठाकर उसे सामान देकर शटर बंद कर देते हैं और पुलिस को देखते ही बंद कर देते हैं। मतलब चोरी-छिपे सामान बेचकर ये दुकानदार सरकारी आदेशों की धज्ज्यिां उड़ाने में लगे हुए हैं। इस बारे में जब थाना एनआईटी प्रभारी फूल कुमार से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्होंने ऐसे दुकानदारों को चेतावनी दे दी है और वे अब शटर उठाकर सामान बेचते पाए गए तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
देखा जाए तो एक तरह से आधी के करीब मार्किट ऐसे सामानों की बिक्री के लिए खुली रहती है। ऐसे में लॉकडाऊन को कोई फायदा नजर नहीं आता और ना ही ऐसे कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकता है।
वास्तव में होना तो ये चाहिए कि लॉकडाऊन पूर्णतया: लगाते हुए सभी प्रकार की दुकानों/शोरूमों को बंद किया जाना चाहिए और कठोरता से लॉकडाऊन के आदेशों की पालना करवाई जानी चाहिए ताकि बढ़ते कोरोना के केसों पर रोक लगाकर कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके।
कुछेक दुकानदारों का कहना था कि ग्रोसरी स्टोर, राशन की दुकानें, दूध-दही-पनीर कर दुकाना आदि जरूरी सेवाओं वाली दुकानों के लिए दो-तीन घंटे को कोई सुबह-शाम का समय निधार्रित कर देना चाहिए ताकि आम जनता को कोई परेशानी भी ना हो और लॉकडाऊन भी लगा रह सके।
इसलिए जिला मजिस्ट्रेट डॉ. गरिमा मित्तल को चाहिए कि वो इस संबंध में अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ विचार विमर्श कर उपरोक्त दुकानोंं को भी बंद करवाते हुए इस दिशा में कदम उठाए।
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