Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Faridabad News, 23 सितंबर: जिला उपायुक्त जितेंद्र यादव ने बताया कि पीडि़त महिलाओं के लिए जिले में वन स्टॉप सेंटर सुरक्षित साबित हो रहा है। यहां पर आई हुई महिलाओं को पूरा आत्म और सामाजिक सम्मान मिला है। वन स्टॉप सेंटर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा जिला के बी.के. नागरिक अस्पताल में वन स्टॉप सेंटर स्थापित किया गया है। यह वन स्टॉप सेंटर सखी नाम से विख्यात है। जहां किसी भी प्रकार की हिंसा से पीडि़त महिलाओं एवं बच्चियों को विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान की जाती है। वन स्टॉप सेंटर के द्वारा घरेलु हिंसा, बलात्कार से पीडि़त, महिला तस्करी, बाल यौन शोषण, बाल विवाह, दहेज उत्पीडऩ, एसिड अटैक, गुमशुदा इत्यादि प्रकार की हिंसा से पीडि़त महिलाओं को कानूनी परामर्श, कानूनी सहायता, मेडीकल सहायता, पुलिस सहायता, मनो-सामाजिक परामर्श तथा 5 दिनों तक अस्थाई आश्रय आदि सहित हर प्रकार की सहायता एक ही छत के नीचे प्रदान की जाती है।
वन स्टॉप सेंटर इंचार्ज डॉ० मीनू यादव ने बताया कि फरीदाबाद जिले में अब तक घरेलु हिंसा की 509, गुमशुदगी की 213, दहेज उत्पीडन की 17, बाल यौन शोषण की 41, बलात्कार की 37, साईबर क्राइम की 33, शारारिक उत्पीडऩ की 71 तथा लड़ाई-झगडे व अन्य 364 शिकायतें प्राप्त हुई है। इनमे केंद्र के द्वारा कानूनी परामर्श 381, मेडीकल सहायता 234, पुलिस सहायता 263, मनो-सामाजिक परामर्श 182 तथा आश्रय 255 कुल पीडि़त महिलाओं को उपरोक्त सुविधाए प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि पीडि़त महिलाएं वन स्टॉप सेंटर में महिला हेल्प लाईन 181, 0129-2421006 तथा स्वयं सेंटर में हाजिर हो कर भी शिकायत दर्ज करवा सकती है। जोकि वन स्टॉप सेंटर 24 घंटे गत् 7 दिन खुला रहता है, जिससे की पीडि़त महिलाओं को किसी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े।
मीनू यादव ने आगे बताया कि यह सेंटर महिलाओं के लिए काफी लाभकारी है। यह सेंटर महिलाओं के लिए बहुत बड़ा सपोर्ट सिस्टम है। यहां महिलाएं स्वयं को बहुत सुरक्षित महसूस करती है, क्योंकि यहां महिलाओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है। यहां पर पीडि़त महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक व मानसिक तौर पर सशक्त करने के लिए उनका मार्गदर्शन व सहयोग किया जाता है। इस सेंटर के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर विभिन्न स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे है। इसके अलावा जिले के सभी पुलिस थानों के पुलिस कर्मचारियों के साथ भी सेंटर के अधिकारी बैठकें करते रहते है ताकि सभी प्रकार से ज्यादा से ज्यादा पीडि़त महिलाओं को सेंटर द्वारा मदद मिल सके।
इसके साथ ही जो पीडि़त महिलाएं सेंटर तक पहुचने में असक्षम है, उनको केंद्र के कर्मचारियों के द्वारा उनके आवास पर जाकर आवश्यक सहायताएं प्रदान की जाती है।