Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Faridabad News, 2 दिसंबर: डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने सीएक्यूएम द्वारा प्रदूषण नियंत्रण हेतु हाल ही में पीएनजी का उपयोग करने के निर्देशों और डीजल जेनसेटों पर प्रतिबंध लगाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहा है कि यह आदेश ऐसे समय में उद्योगों विशेषकर टैक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए काफी घातक हैं जबकि वे पहले से ही कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जे.पी.मल्होत्रा ने बताया कि सीएक्यूएम के आदेशों से टैक्सटाइल इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुई है और कई उद्योग तो बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। श्री मल्होत्रा ने जानकारी दी कि पीएनजी कनेक्शन केवल उन्हीं मशीनों को संचालित कर सकते हैं जो पहले एलपीजी पर आधारित थीं। उन्होंने बताया कि कई उद्योग तो ऐसे हैं जिनके पास गैस का कनेक्शन नहीं है और कई उद्योगों के बॉयलर गैस से नहीं चल पाते। जनरेटर सैटों की आवश्यकता पर बल देते श्री मल्होत्रा ने बताया कि स्वयं उद्यमी भी जनरेटर नहीं चलाना चाहते क्योंकि डीजल की बढ़ी कीमतों से जनरेटर काफी महंगा पड़ रहा है परंतु बिजली आपूर्ति ठप्प होने पर जनरेटर ही एकमात्र हल रहता है। ऐसे में नए आदेशों से टैक्सटाइल इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
इस मौके पर जेपी मल्होत्रा ने टैक्सटाइल संबंधी इंफ्रास्ट्रक्चर की जानकारी देते बताया कि यदि बॉयलर व अन्य उपकरणों पर निवेश किया जाता है तो यह 2-3 करोड़ रूपये तक पहुंच जाता है। ऐसे में यदि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम नियमित रूप से बिजली दे तो जनरेटर प्रयोग की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी।
उद्योग प्रबंधक सतेन्द्र चौहान के अनुसार टैक्सटाइल व फैबरिक उद्योगों की प्रोसैस एक टाईम बाउंड प्रोसैस होती है और यदि किसी भी तरह का व्यवधान आता है तो भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि गारमैंट निर्यातक एक निर्धारित समय ही उद्योगों को प्रदान करते हैं क्योंकि उसी पर पूरी आपूर्ति टिकी होती है। यदि समय पर आपूर्ति नहीं की जाएगी तो उद्योगों को भारी आर्थिक घाटा तो होगा ही साथ ही राजस्व पर भी नाकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इस मौके पर उद्योग प्रबंधक भूपेंद्र सिंह ने बताया कि मौजूदा समय में टैक्सटाइल उद्योगों में 10 हजार से अधिक श्रमिक कार्य कर रहा है जिनके परिवार यहीं से खाना खाते हैं। श्री भूपेंद्र सिंह के अनुसार यदि किसी भी कारण टैक्सटाइल यूनिट बंद होते हैं इससे बेरोजगारी की समस्या तो बढ़ेगी ही साथ ही इन परिवारों की जीविका भी प्रभावित होगी।
इस अवसर पर जेपी मल्होत्रा ने बताया कि इस संबंध में डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल गत् दिवस जिला उपायुक्त जितेंद्र यादव से मिला और उनसे आग्रह किया गया कि मौजूदा स्थिति में उद्योगों के उत्पादन को हानि से बचाने के लिए इन्हें खोलने की अनुमति प्रदान की जाए। श्री मल्होत्रा ने जिला उपायुक्त से आग्रह किया कि बिजली आपूर्ति बाधित कोने पर अमरजेंसी में जनरेटर चलाने की अनुमति दी जाए और इसके साथ ही पीएनजी के लिए उद्योगों को समय दिया जाए।
जिला उपायुक्त जितेंद्र यादव ने टैक्सटाइल प्रोसैसर से आह्वान किया कि वे कोयले का उपयोग न करें और ऐसे ईंधन के इस्तेमाल से बचे जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है।
इस मौके पर सिडबी के उप-महाप्रबंधक राधारमण ने बताया कि सिडबी नई तकनीक के लिए उद्योगों को कम ब्याज दर पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराती है जिसका लाभ टैकसटाइल यूनिट भी उठा सकते हैं।