मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 29 नवंबर: देश में प्रत्येक वर्ष 15 मिलियन युवा वर्कफोर्स के रूप में शामिल होते हैं जबकि उनमें से 75 प्रतिशत को रोजगार नहीं मिलता। CIME में 2019 में जो आंकड़े प्रस्तुत किये हैं, उनके अनुसार 34 प्रतिशत युवा जिनकी आयु 20 से 24 वर्ष के बीच है, बेरोजगार हैं जबकि 8 मीलियन युवा जॉब सीकर के रूप में प्रत्येक वर्ष बाजार में आते हैं। देश में स्किल ट्रेनिंग लिये हुये वर्कफोर्स की संख्या 2.3 प्रतिशत ही है। ऐसे में DLF इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने सरकार व उद्योगों को एकजुट कर युवाओं का एक सुदृढ़ सैल बनाने का निर्णय लिया है।
DLF इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जेपी मल्होत्रा के अनुसार उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता जबकि स्किलिंग सैक्टर के प्रभावी योगदान से युवाओं के लिये रोजगार को सुनिश्चित किया जा सकता है।
श्री मल्होत्रा के अनुसार आवश्यकता इस बात की है कि शैक्षणिक ढांचे को रोजगारोन्मुखी बनाया जाये। उन्होंने कहा कि रोजगार के लिये जॉब प्रोवाइडर्स की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। श्री मल्होत्रा ने इसके लिये स्किल डेवलपमैंट की प्रभावी नीति तैयार की जाने की आवश्यकता पर बल दिया है।
DLF इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने मांग की है कि इस संबंध में कॉलेजों में उत्पादन प्रक्रिया के संबंध में जानकारी दी जानी चाहिए। यही नहीं ऐसी वर्कशाप आयोजित की जानी चाहिए जिनसे युवाओं को रोजगार के प्रति जागरूक किया जा सके और उन्हें जॉब प्रोवाइडर के रूप में विकसित किया जा सके।
श्री मल्होत्रा व DLF इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के एडवाईजर एमपी रूंगटा के अनुसार उद्योगों व शैक्षणिक संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जानी आवश्यक है।
श्री मल्होत्रा जोकि BYST फरीदाबाद मैंटर चैप्टर के चेयरमैन भी हैं, का मानना है कि मैंटरशिप विद्यार्थियों को प्रभावी रूप से स्किल बना सकता है। नई कम्युनिकेशन व कोलैबोरेशन के साथ 21वीं सदी के अनुरूप युवाओं को स्किल्ड बनाया जा सकता है।
नई तकनीक, बेहतर टीचिंग और औपचारिक व अनौपचारिक लर्निंग प्रोसैस की आवश्यकता पर बल देते हुए BYST के वरिष्ठ मैंटर एसएन दुआ ने कहा है कि इसके लिये व्यापक स्तर पर नीति तैयार की जानी जरूरी हैं।
श्री मल्होत्रा ने स्पष्ट करते कहा है कि मैंटर्स युवा वर्ग को नये परिवेश के अनुरूप बेहतर प्रशिक्षित कर सकता है और स्किल डेवलपमैंट के नये अवसर बना सकता है।
श्री मल्होत्रा ने विश्वास व्यक्त किया है कि सरकार, उद्योगों व शिक्षण संस्थानों के सहयोग से युवा वर्ग को स्किल्ड, जॉब प्रोवाइडर बनाने के लिये योजनाओं के परिणाम साकारात्मक रूप से सामने आएंगे और इसके साथ ही रोजगार का प्रतिशत बढ़ेगा। उन्होंने इस हेतु विश्वविद्यालयों से भी आग्रह किया है कि वे कालेजों में प्रोफैशनल रिलेशनशिप डेवलपमैंट के लिये विशेष नीति तैयार करें ताकि रोजगार के लिये प्रभावी कदम उठाए जा सकें।