उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों की दृढ़ता से होगी पालना : DFO
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की विशेष रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 08 दिसंबर: फॉरेस्ट एरिया में आने वाले सभी अवैध निर्माणों पर अब तोड़फोड़ की तलवार लटक गई है। वन विभाग अब किसी भी समय वन क्षेत्र में हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को अमलीजामा पहनाते हुए तोड़फोड़ की कार्यवाही को अंजाम दे सकता है।
इस संबंध में जिला वन अधिकारी @ DFO राजकुमार ने मैट्रो प्लस को बताया कि पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम PLPA 1900 की धारा 4 और 5 के तहत अधिसूचित भूमि पर गैर-वानिकी गतिविधियों/ अनधिकृत निर्माण करना गैर क़ानूनी है।
उन्होंने बताया कि जिले के अनखीर, मेवला-महाराजपुर, अनंगपुर, लकड़पुर आदि PLPA क्षेत्रों में अनाधिकृत निर्माण है। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा CWP 10294/2013 नरेंन्द्र सिंह और ORS V/s दिवेश भूटानी और ORS के मामले में 21 जुलाई, 2021 को दिए गये आदेश द्वारा वन क्षेत्र से सभी अनाधिकृत निर्माणों को हटाने के लिए आदेश दिया गया है। इसलिये सार्वजानिक नोटिस द्वारा वन भूमि से सभी निर्माण/अनाधिकृत उपयोग को हटाने के निर्देश जारी किये जाते है।
जिला वन अधिकारी ने कहा है कि यदि वन भूमि में संचालित किसी गैर-वानिकी गतिविधि या वन क्षेत्र के निर्माण के लिए किसी सरकारी विभाग/एजेंसी से अनुमति प्राप्त की गई है तो ऐसे प्रपत्र को 10 दिन के भीतर इस कार्यालय के संज्ञान/जानकारी में लाया जाये। इस अवधि के भीतर अवैध अतिक्रमण/उल्लंघन को हटाने में विफल रहने पर उल्लंघनकर्ताओं को आगे कोई संदर्भ दिए बिना अवैध अतिक्रमण/उल्लंघन/अनधिकृत गतिविधियों को हटाने के लिए कारवाई शुरू की जाएगी।
उन्होंने कहा कि अवैध अतिक्रमण/उल्लंघन को हटाने और क्षेत्र की बहाली पर होने वाली सभी लागत उल्लंघनकर्ताओं से वसूल की जाएगी।
DFO के उक्त आदेशों के बाद से फॉरेस्ट एरिया में चल रहे फार्म हाउस, शिक्षण संस्थानों, होटल संचालकों में हड़कंप से मच गया है।