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फरीदाबादहरियाणा

सरल और सौम्य स्वभाव के धनी अजय नौनिहाल की रस्म पगड़ी/उठाला/चौथा आज मंगलवार, 27 जून को।

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 27 जून
: सरल और सौम्य स्वभाव के धनी अजय नौनिहाल एक ऐसा नाम जिसको एनआईटी फरीदाबाद में शायद ही ऐसा कोई शख्स हो जो ना जानता हो। एनआईटी-1 की मेन मार्किट में सेवा समिति जैसी सामाजिक संस्था को प्रधान के तौर पर चलाते आ रहे अजय नौनिहाल बेशक आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी यादें हमेशा हमारे बीच रहेेंगी।
बता दें कि सेवा समिति के प्रधान अजय नौनिहाल का शनिवार, 24 जून की रात को निधन हो गया था। अपने पीछे वे अपनी धर्मपत्नी और दो बेटों सहित अपनी यादों को छोड़ कर गए हैं। अजय के दोनों बेटे अक्षय और अभय नौनिहाल जोकि दोनों ही एडवोकेट हैं, ने उन्हें रविवार, 25 जून को सैक्टर-22 स्थित स्वर्गाश्रम में मुखाग्नि दी। अजय नौनिहाल इस स्वर्गाश्रम के भी प्रधान थे।
अजय नौनिहाल की रस्म पगड़ी/उठाला/चौथा आज मंगलवार, 27 जून को सैक्टर-15 स्थित कम्यूनिटी सेंटर में शाम 3.30 बजे से 5 बजे का रखा गया है जहां उनके रिश्तेदार और चाहने वाले उन्हें अपने श्रद्वासुमन अर्पित कर सकेंगे।
ध्यान रहे कि एनआईटी-1 की मेन मार्किट में सेवा समिति जैसी सामाजिक संस्था को पिछले कई सालों से चलाता आ रहा था नौनिहाल परिवार। इस नौनिहाल परिवार में अजय से पहले उनके पिताजी लेखराज नौनिहाल इस संस्था के प्रधान थे। अब आगे इस संस्था को कौन चलाएगा, ये संस्था वाले तय करेंगे।
अजय नौनिहाल के व्यक्तित्व की बात करें तो वे बड़े सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। कानून का भी उन्हें काफी हद तक ज्ञान था। इसी के चलते उन्होंने अपने दोनों बेटों अक्षय और अभय को कानूनी शिक्षा दिलवाते हुए उन्हें वकालत करवा एडवोकेट भी बनाया।
अपने पिता लेखराज नौनिहाल के निधन के बाद अजय नौनिहाल ने सेवा समिति के प्रधान के तौर पर काम किया और सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। अब अजय नौनिहाल के निधन के बाद उनके बेटे सेवा समिति की जिम्मेदारी।
मेरे एक दोस्त महेन्द्र बब्बर के पारिवारिक समारोह में कुछ साल पहले मेरा अजय नौनिहाल से परिचय हुआ और तब से उनसे दोस्ती हो गई जोकि अब तक बराकार रही। अब जिस तरह से उनका निधन हुआ, उससे दिल में अजय भाई की कमी खलती है। मैं जब भी उनके साथ बैठा, घंटों तक किसी ना किसी विषय पर उनसे गहन चर्चा होती रहती थी।
उनके निधन के बाद में परम पिता परमात्मा से यहीं कामना करूंगा कि दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दे तथा उनके परिजनों को उन्हें ये दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें।
ओम शांति!


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