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SSB अस्पताल ने 20 वर्षीय युवती का न्यूनतम इनवेसिव तकनीक से इलाज कर दिया जीवनदान।

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 9 जनवरी:
सांस फूलने व दर्द की शिकायत से पीडि़त हो SSB अस्पताल में इलाज के लिए आई एक 20 वर्षीय युवती के हृदय से न्यूनतम इनवेसिव तकनीक से ट्यूमर निकाल डॉक्टरों ने उसे नया जीवनदान देने में सफलता पाई है।

SSB हार्ट एंड मल्टीस्पेशयलिटी अस्पताल के चेयरमैन डॉ. एसएस बंसल ने बताया कि सांस फूलने व दर्द की शिकायत से पीडि़त युवती की इको और CT एन्जियोग्राफी की जांच करने पर मरीज के दिल के राइट अटरियम में एक गांठ नजर आई। हृदय और लंग्स का CT एन्जियोग्राफी करने पर ऐसा लग रहा था कि दोनो लंग्स के कई हिस्सों में खून के थक्के है, क्योंकि इतनी छोटी उम्र में हृदय का ट्यूमर होने का चांस कम होता है। इसलिए मरीज को खून के थक्के को पिघलाने की दवाई दी गई। 48 घंटों के बाद दोबारा से जांच हुई पता चला तो गांठ कम नही हुई और न ही फेफड़ों के थक्के जिससे हृदय में ट्यूमर की संभावना बढ़ गई। इसलिए ऑप्रेशन करना एक मात्र ईलाज था।

डॉ. एसएस बंसल ने बताया कि मरीज की कम उम्र और भविष्य के शारीरिक विकास को ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों ने सर्जरी की एक खास मिनिमल इनवेसिव तकनीक का इस्तेमाल किया। सामान्य मध्य रेखा चीरे के वजह से छाती के दाहिने हिस्से में निशान कम दिखने वाला चीरा लगाकर गांठ का पूरा ऑप्रेशन किया गया। जांच में गांठ एक प्रकार का ट्यूमर मिक्सोमा निकला जिसके छोटे-छोटे टुकडे फेफड़ों में टूट कर जा रहे थे। इससे फेफड़ों को ब्लड प्रेशर बहुत बड़ गया था जिसकी वजह से मरीज की सांस फूल रही थी। ऑप्रेशन के बाद आईसीयू में जल्दी से मरीज का स्वास्थ्य ठीक होना शुरू हो गया और 5वें दिन मरीज स्वस्थ होकर घर चली गयी।

SSB हार्ट एंड मल्टीस्पेशयलिटी अस्पताल के चीफ हार्ट सर्जन डॉ.SS सिद्दू की विशेषज्ञता और न्यूनमत इनवेसिव तकनीक के इस्तेमाल से न केवल 20 वर्षीय युवती का जीवन बचाया गया, बल्कि उनके शरीर पर कम से कम निशान भी रहे।

डॉ. एसएस बंसल ने बताया कि यह एक अलग तरह का ट्यूमर है जिसके कई टुकड़े फेफड़ों में जा रहे थे। इसका मिनिमल इनवेसिव तकनीक से सफल ऑप्रेशन एस.एस.बी. अस्पताल में हो गया है। वहीं डॉ. एसएस सिद्दू ने कहा कि हम इस मरीज के सफल ईलाज के लिए बहुत खुश हैं। मरीज अब पूरी तरह से ठीक हैं और वह अपने सामान्य जीवन में लौट गई है।


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